बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।National Lok Adalat 2021: देश की पहली मोबाइल लोक अदालत की छत्तीसगढ़ में शनिवार को शुस्र्आत की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव एवं महासमुंद द्वारा जिला न्यायालय में लंबित सात प्रकरणों को मोबाइल लोक अदालत वैन के माध्यम से पक्षकारों के घर पहुंचकर प्रकरणों को आपसी सुलह समझौते के द्वारा निराकरण किया गया। दो दिव्यांगों के प्रकरणों का निराकरण किया गया। एक व्यक्ति जिला चिकित्सालय में भर्ती थे। दो व्यक्ति बीमार होने के कारण न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। वहीं दो व्यक्ति वृद्ध होने के कारण चलने-फिरने में असमर्थ थे। उनके प्रकरणों के निराकरण के लिए मोबाइल लोक अदालत वैन उनके पास तक पहुंची।
केस-एक
दुर्ग के न्यायाल में शासन विरुद्ध आकाश यादव व अन्य के प्रकरण 2018 से लंबित थे। इस प्रकरण में तीन प्रार्थी थे। इसमें से दो प्रार्थी कोर्ट में उपस्थित हुए। वहीं एक दयानंद बीमार होने के कारण नहीं पहुंच सके। इसकी जानकारी मिलने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने मोबाइल से उनसे संपर्क किया। इसके बाद लोक अदालत अस्पताल पहुंची और उनसे राजीनामा किया गया।
केस- दो
दुर्ग के न्यायालय में छत्तीसगढ़ सहकारी समिति विस्र्द्ध रायेश कांत फिरगी में प्रार्थी वासुदेव की तबीयत खराब होने के कारण वे न्यायालय आने में असमर्थ थे। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजेश श्रीवास्तव को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने वासुदेव यादव द्वारा मोबाइल वैन के माध्यम से प्रार्थी तक पहुंचे और राजीनामा के लिए सहमति प्राप्त की।
40 वर्ष से चल रहा था मामला, तीसरी पीढ़ी ने किया राजीनामा
भूमि संबंधी विवाद को लेकर रामदुलार चौधरी व अन्य के पिता शिबोधी चौधरी के द्वारा वर्ष 1980 में शिवमंगल सिंह के विरुद्ध न्यायालय केस किया गया। दरअसल शिबोधी चौधरी ने 1975 में भूमि क्रय की थी। उसी भूमि को शिवमंगल सिंह द्वारा फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर नामांतरण कराकर कब्जा कर लिया था। मामले के दौरान शिबोधी चौधरी व शिवमंगल सिंह की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी प्रकरण में पक्षकार बनकर मुकदमा लड़ने के लिए कोर्ट में आवेदन पेश किया।
यही मामला हाई कोर्ट में भी लंबित था। 2015 में मामले की सुनवाई करते हुए व्यवहार न्यायालय ने स्व. शिबोधी चौधरी के उत्तराधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रकरण का निराकरण कर दिया। व्यवहार न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शिवमंल सिंह के उत्तराधिकारियों ने पंचम अपर जिला न्यायाधीश अंबिकापुर के कोर्ट में अपील पेश की थी। कोर्ट में यह मामला बीते छह वर्षों से चल रहा था। नेशनल लोक अदालत में यह मामला आपसी समझौते के लिए लगा थ। दोनों पक्षों के राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया।