Bilaspur News: नहीं रहीं कठपुतली कला को नई ऊंचाई देने वाली नीलिमा
Bilaspur News: उन्होंने दम तोड़ती इस अनूठी कला को आगे बढ़ाने में ही अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
By anil.kurrey
Edited By: anil.kurrey
Publish Date: Sun, 07 Feb 2021 09:20:00 AM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Feb 2021 09:20:11 AM (IST)

बिलासपुर। Bilaspur News: कठपुतली कला के जरिए शहर व प्रदेश का नाम रोशन करने वाली शहर की नीलिमा मोइत्रा अब हमारे बीच नहीं रहीं। शनिवार की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। सेवानिवृत्त शिक्षिका मोइत्रा का नाम कठपुतली कला को आगे बढ़ाने और नई पहचान देने के साथ ही सामाजिक कार्यों में भी सहभागिता निभाने वाली के रूप में भी था।
वेयरहाउस रोड निवासी 65 वर्षीय नीलिमा का जन्म नौ अप्रैल वर्ष 1956 को हुआ था। व्यापार मेला समेत शहर व प्रदेश के अन्य शहरों में कई बड़े कार्यक्रमों में उनकी कठपुतलियां नजर आती थीं। उन्होंने दम तोड़ती इस अनूठी कला को आगे बढ़ाने में ही अपना जीवन समर्पित कर दिया। बीते वर्ष फरवरी माह में ही उनके पति का निधन हुआ था। इसके बाद से बीमार चल रही थीं।
उनके निधन पर शहर में शोक का माहौल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई लोगों ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ में कठपुतली कला की सूत्रधार रहीं नीलिमा मोइत्रा का निधन एक अध्याय के समाप्त होने जैसा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। राज्यपाल अनुसुईया उईके ने ट्वीट कर लिखा है कि कठपुतली कला मंच की संस्थापिका नीलिमा मोइत्रा के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं। वहीं कई लोग कठपुतली नृत्य को लेकर उनके दिए योगदान व उनके साथ के अनुभवों को भी साझा कर रहे हैं। इसमें सभी ने उन्हें मिलनसार और कला के क्षेत्र में समर्पित बताया है। उनके साथ की जुड़ी यादों को साझा करते हुए वे अपनी भावनाएं भी प्रकट कर रहे हैं।