Bilaspur Railway News: ट्रेनों में खुलेआम बिक रहा दूसरे ब्रांड का पानी, रेलनीर गायब
Bilaspur Railway News: जांच हो रही और न कार्रवाई, केवल रेलनीर बिक्री का है नियम
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Tue, 28 Feb 2023 09:48:01 AM (IST)
Updated Date: Tue, 28 Feb 2023 11:34:26 AM (IST)

बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।ट्रेनों में खुलेआम दूसरे ब्रांड का पानी बिक रहा है। यह ब्रांड रेलवे से एप्रूव्ड भी नहीं है। दरअसल अधिक लाभ कमाने के चक्कर में पेंट्रीकार के संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह खेल कई महीनों से चल रहा है।
गर्मी बढ़ने के बाद दूसरे ब्रांड के पानी की खपत भी बढ़ गई है। इसके बाद भी जांच करने की फुर्सत न तो आइआरसीटसी के अधिकारियों को हैं और न रेल अफसरों को। पेंट्रीकार के कर्मचारी इस लापरवाही का फायदा उठा रहे हैं।
ट्रेन हो या स्टेशन, यहां केवल रेलनीर ही बेचने का प्राविधान है। करीब चार से पांच साल पहले जब बिलासपुर में रेलनीर का उत्पादन शुरू हुआ। उसी समय इस नियम को भी सख्ती से लागू कर दिया गया। पहले जब रेलनीर का उत्पादन नहीं था, तब उस स्थिति में छह से सात ब्रांड के पानी बिकते थे। इसको बकायदा रेलवे से अनुमति भी मिली थी। लेकिन, अब केवल रेलनीर ही बेचना है।
लेकिन पेंट्रीकार के कर्मचारी जानबुझकर बदमाशी कर रहे हैं और चोरी- छिपे रेलनीर की जगह दूसरे ब्रांड का पानी खरीद रहे हैं। इसकी बड़ी वजह मुनाफा कमाना है। रेलनीर बेचने में लाभ कम है। जबकि दूसरे ब्रांड के पानी का उत्पादन करने वाली कंपनी ज्यादा मुनाफा देती है। इसी लालच में रेलनीर की अनदेखी कर रहे हैं।
जबकि जोनल स्टेशन से आइआररसीटीसी ने यह व्यवस्था की है कि ट्रेनों में जितने भी स्टाक का डिमांड है, उन्हें उपलब्ध कराय जा सकता है। बशर्ते उन्हें रेलनीर बाटल की आवश्यकता भेजनी है। आइआरसीटीसी की इतना पुख्ता इंतजाम के बाद भी ट्रेनों में बहुत कम मात्रा में रेलनीर चढ़ रहा है। इससे न केवल नियमों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि उत्पादन के अनुसार खपत भी नहीं हो पा रही है। आइआरसीटसी भी यह जानते हुए जांच नहीं करती। रेलवे के अधिकारी तो पेंट्रीकार की जांच करना तक भूल चुके हैं।
अहमदाबाद एक्सप्रेस व उत्कल एक्सप्रेस में नजर आया दूसरे ब्रांड का पानी
अहमदाबाद एक्सप्रेस और उत्कल एक्सप्रेस दोनों ट्रेनों की पेंट्रीकार में दूसरे ब्रांड का पानी रखा हुआ था। पहले तो कर्मचारी छिपाकर रखते थे। लेकिन, जांच नहीं होने के कारण अब खुलेआम पानी को लेकर चल रहे हैं।
हालांकि आइआरसीटीसी का दावा है कि उनके सुपरवाइजर प्रतिदिन जोनल स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में जांच करते हैं। लेकिन इस उल्लंघन को देखकर यह माना जा सकता है कि सुपरवाइजर या तो जांच नहीं करते या फिर अफसरों को झूठी जांच रिपोर्ट देते हैं।