बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक नगरी में एक रतनपुर है। सिद्वपीठ मां महामाया की इस नगरी की एक खास बात यह भी है कि इसे तालाबों की नगरी भी कहा जाता है। इस नगरी में छोटे-बड़े 155 तालाब हैं, यह श्रृंखला मां महामाया मंदिर परिसर के तीन तालाब से शुरू होकर पूरी नगर में तालाबों का जाल फैला हुआ है, जो इस पवित्र नगरी को समृद्ध बनाती है।
बिलासपुर शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-कोरबा हाइवे पर यह धर्म नगरी है, पहाड़ों से घिरा यह नगर चारों ओर हरियाली से ढका हुआ है। तालाब इसकी सुंदरता पर चार-चांद लगाते हैं। तालाबों का यह मनोहारी दृश्य देखने के लिए किसी भी पहाड़ की चोटी में बस चढ़ने की जरुरत होती है, इसके बाद चारों तरफ तालाबों की मनोहारी सुंदरता देखने को मिलती है। बताया जाता है कि यह सभी तालाब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, क्योंकि इन तालाबों का निर्माण ऐसे हुआ है कि एक से दूसरा तालाब रिचार्ज होते रहते हैं।
ओव्हरफ्लो होने की दशा में पानी दूसरे तालाब में जाता है, ऐसा होने से यह के सभी तालाबों में सालभर पानी मिलता है। साथ ही रतनपुर के एतिहासिक महत्व के पीछे यहां के तालाबों का बड़ा योगदान रहा है। इन तालाबों को देवी-देवताओं की तरह प्राचीन काल से पूजा जा रहा है। तालाब के प्रति यह प्रेम ही यहां के हर तालाबों को जीवित रखे हुए है। चारों तरफ तालाबों का जाल बिछा हुआ है।
इतनी बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के किसी नगर में शायद ही तालाब हो। मानसून के दिनों में यहां के तालाबों की सुंदरता भी देखते ही बनती है। इस मौसम में सभी तालाब भरे हुए रहते हैं, चंचल जल और सूरज की पड़ती रोशनी तालाबों की सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। इन्हीं खूबियों की वजह से रतनपुर को धार्मिक नगरी के साथ ही तालाबों का नगर कहा जाता है।
गोपालबंद, आछिना डबरी, दानी तालाब, तुर्की तालाब, दर्री, आभा, पैठू, अनूबंद, जोरा तालाब, रानी, कोरबा, कसौंदी, मलनी, मकरबंध, रुपसागर, बिकमी तालाब, कोलबा, पंच देवरी, बंधवा करैहापारा, भुसकी डबरी, दुबिया, दनिहा, भगरथिहा, मलकम, अंधियारी, दुलहरा तालाब आदि प्रमुख हैं।
राजा रत्नदेव प्रथम ने 11वीं शताब्दी में मां महामाया मंदिर का निर्माण कराया था। महामाया मंदिर के गर्भगृह में महाकाली, महासरस्वती व महालक्ष्मी स्वरूप देवियों की प्रतिमाएं विराजित हैं। मान्यता है कि यह मंदिर यंत्र-तंत्र का केंद्र भी रहा है। मान्यता यह भी है कि रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंध गिरा था। जो तालाबों से भरी इस रतनपुर नगरी को खास बनाती है।