बिलासपुर। Oxygen Cylender Supply: रायगढ़ स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड से रविवार को चार टैंकर में 68 टन आक्सीजन दिल्ली भेजी जानी थी। प्लांट से गाड़ियां 10.30 बजे रवाना कर दी गईं। वहीं आक्सीजन एक्सप्रेस देर रात छूटी। इससे पहले ही भोपाल में आपात स्थिति को देखते हुए ट्रेन को भोपाल भेजने का निणर््ाय ले लिया गया था। ट्रेन रायगढ़-चांपा-बिलासपुर व कटनी होते हुए रवाना हुई। यह तीसरी बार है जब जिंदल ने आक्सीजन भेजी है। इससे पहले सड़क मार्ग से भेजी गई थी। ट्रेन से पहली बार गई है। इसके मद्देनजर रेल अमला पूरे समय इसी व्यवस्था में जुटा रहा कि स्पेशल ट्रेन के परिचालन के दौरान किसी तरह की बाधा या लेटलतीफी न हो।
अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इस आफत को कम करने के लिए सरकार ने अलग- अलग इंडस्ट्री मालिकों की बैठक भी ली थी। इसके तहत ही यह तय हुआ कि जिंदल प्लांट से दिल्ली में आक्सीजन की आपूर्ति होगी। रविवार को सुबह से 16-16 टन के तीन और 20 टन के एक टैंकर भेजने के लिए प्लांट व रेलवे के आला अधिकारी जुटे रहे। हालांकि रेलवे की ओर से रैक प्लांट तक पहुंचने में थोड़ी देरी हुई। रैक पहुंचने के बाद टैंकर को ट्रेन में सुरक्षित चढ़ाने के लिए रैंप और अन्य तैयारियों में समय लग गया।
जब पूरी व्यवस्था हुई और अधिकारी संतुष्ट हो गए उसके बाद आक्सीजन एक्सप्रेस रवाना होनी थी। तभी उन्हें सूचना मिली कि ट्रेन अब भोपाल जाएगी। आक्सीजन एक्सप्रेस के लिए रेलवे के हर मंडल में ग्रीन कारीडोर बनाया गया है। इसमें रायगढ़, चांपा, बिलासपुर, अनूपपुर, कटनी मार्ग भी शामिल है। ट्रेन इसी रेलमार्ग से गुजरी। इसकी जानकारी बिलासपुर रेल मंडल समेत मार्ग के सभी रेल मंडलों को दी गई थी। इसलिए हर एक स्टेशन में अमला सतर्क नजर आया, ताकि परिचालन के दौरान सिग्नल या अन्य किसी भी तकनीकी अड़चनें न आएं।
आरपीएफ की निगरानी में चली आक्सीजन एक्सप्रेस
आक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन के मद्देनजर सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए थे। इसके तहत किरोड़ीमल स्टेशन से ट्रेन में आरपीएफ का एक जवान तैनात हुआ, जो ट्रेन को बिलासपुर तक लेकर आया। जोनल स्टेशन से भी एक बल सदस्य चढ़ा जो आगे तक लेकर गया। इसी तरह हर मंडल में इंतजाम किए गए थे।