बिलासपुर। Paryushan Parva in Bilaspur 2021: जैन समाज द्वारा पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2021 का सोमवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग सुबह शांति कलश की पूजा, सामायिक, कल्प सूत्र के कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं शाम को प्रतिक्रमण व रात्रि में बच्चे, महिलाओं, पुरुषों द्वारा कई जैन धार्मिक भक्ति गीत प्रस्तुत किए जाएंगे।
जैन समाज के अमरेश जैन ने बताया कि पर्युषण महापर्व के सोमवार को तारबाहर स्थित चोपड़ा भवन में सुबह दादा गुरुदेव की विशेष पूजा की, पूजा में युवाओं ने बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया। वेशभूषा धारण कर स्तवन कुलनायक पूजा, शांति कलश पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। समाज की ज्योति चोपड़ा व शोभा मेहता द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया। पर्यूषण पर्व के चौथे दिन वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया। इसके बारे में समझाते हुए बताया गया कि अपनी वाणी में संयम रखना चाहिए। किसी को या किसी के बारे में बुरा बोलने के लिए सोचना चाहिए। उसके पश्चात जैन समाज के श्रावकों में अभिनव डाकलिया, प्रवीण कोचर, धरा, प्रवीण गोलछा, प्रमिला चोपड़ा, प्रेरणा सुराणा, प्रकृति जैन, संगीता चोपड़ा, राखी डाकलिया ने एक से बढ़कर एक भक्ति गीत प्रस्तुत कर पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
पर्युषण पर्व में प्रतिदिन बोली लगाई जा रही है। धार्मिक प्रतियोगिता अंकिता पुगलिया द्वारा 10 से ऊपर वालों के लिए लकी धार्मिक गेम करवाया गया। इस अवसर पर विमल चोपड़ा, संजय कोठारी, नरेंद्र मेहता, सुभाष श्रीश्रीमाल, सुरेंद्र मालू, गोपाल वेलाणी, मनीष शाह, चंद्रकांत बोथरा, संजीव चोपड़ा, संजय छाजेड़, योगेश चोपड़ा, अमरेश जैन संगीता भयानी, निशा भयानी, ज्योति भयानी, अंजलि मेहता, राशि, इच्छा, मौली, नक्श, पंखुड़ी, प्रखर, अदित सहित समाज के लोग उपस्थित थे।
महावीर जन्मोत्सव पर होंगे कई आयोजन
पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन मंगलवार को चोपड़ा भवन तारबाहर में भगवान महावीर स्वामी के जन्म उत्सव मनाया जाएगा। भगवान महावीर क्षत्रिय कुंडलपुर के राजा सिद्धार्थ मां त्रिशला देवी के पुत्र हुए। इस अवसर पर समाज के लोगों द्वारा विधिवत पूजा आरती के पश्चात 14 स्वप्नों की बोली लगाई जाएगी । 14 स्वप्नों जो महावीर के जन्म से पहले माता त्रिशला ने देखे उसमें स्वप्न श्वेत वृषभ, श्वेत हस्तो, केसरी सिंह, लक्ष्मी, पुष्पमाला, चंद्र मंडल, सूर्य, महा ध्वज, कलश, पदम सरोवर, झीर समुद्र, देव विमान, रत्न राशि, जालवल्यमान, अग्नि शामिल हैं। रात्रि में 108 दीये से महाआरती की जाएगी।