
बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
पत्थरबाजी की घटना में कक्षा आठवीं की छात्रा पी यामिनी घायल अवस्था में कराह रही थी। स्कूल कैंपस मौजूद शिक्षकों से बार-बार कह रही थी प्लीज मेरे पापा को बुला दो। मुझे लेने आ गए होंगे। यहां मुझे डर लग रहा है। हैरान करने वाली बात यह कि घटना के एक घंटे तक किसी ने उसे हॉस्पिटल ले जाना उचित नहीं समझा। आखिर में उनके पिता पहुंचे और बेटी को तुरंत लेकर गए।
छात्रा यामिनी स्कूल से छुट्टी होने के बाद गेट पर अपने पापा के आने का इंतजार कर रही थी। इस बीच अचानक कुछ युवकों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। एक पत्थर सीधे मूुंह में आकर लगा और वह दर्द से चीख उठी। तुरंत गेट के भीतर आई कुछ अभिभावकों की मदद से उसे भीतर लाया गया। एक घंटे तक किसी ने उसे प्राथमिक उपचार या हॉस्पिटल ले जाना उचित नहीं समझा। आखिर में पिता सिमचिलम ने शिक्षकों को जमकर लताड़ा। पुलिस भी पहुंच चुकी थी। आखिर में उसे रेलवे हॉस्पिटल लेकर गए वहां भी कोई डॉक्टर नहीं था। शाम को एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। पिता का कहना है कि जबड़ा टूट चुका है। ठीक होने में टाइम लगेगा। ऐसी घटना निंदनीय है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है।
तीन दिन से विवाद की स्थिति
गेट के बाहर बीते तीन दिनों से छात्रों व बाहरी युवकों के बीच विवाद की स्थिति बताई जा रही है। एक अभिभावक का कहना था कि छुट्टी के बाद सड़क पर जाम के साथ असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। छात्राओं पर उनकी बुरी नजर रहती है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी प्रबंधन व तोरवा पुलिस को नहीं है। सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं। अमूमन हर दिन यहां झगड़ा आम बात है।
एक छात्र का निष्कासन तय
घटना के बाद प्रभारी प्राचार्य ने कुछ शिक्षकों से जानकारी जुटाई। अभिभावकों व बच्चों से भी पूछताछ किया। खबर है कि स्कूल के एक छात्र की वजह से आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। पत्थरबाजी की घटना भी उसी से जुड़ा हुआ था। दो दिन पहले भारत माता स्कूल के एक छात्र को वहां जाकर पीटा था। जिसके बाद आज उसके दोस्तों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया है। प्रबंधन अब उसके निष्कासन की तैयारी में है। सोमवार को इस पर निर्णय हो सकता है।
भागे टीचर,भड़के अभिभावक
पत्थरबाजी के बाद खून से सने दो छात्र दर्द से चिल्ला रहे थे। दूसरी तरफ स्कूल के ज्यादातर टीचर दुबके रहे। वहीं कुछ भाग निकले। स्टाफ भी अंदर निकलने से कतराते रहे। अभिभावकों में इसे लेकर जमकर आक्रोश देखने को मिला। कई अभिभावकों ने शिक्षकों पर ही एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
इशान को गले व सिर पर चोट
कक्षा ग्यारहवीं के एक छात्र इशान को गले व सिर पर चोट आई है। लहूलुहान छात्र को काफी देर तक एक कमरे में रखा गया था। उसे भी हास्पिटल नहीं ले गया। पुलिस में शिकायत के बाद भी किसी ने उसकी सुध नहीं ली। प्रभारी प्राचार्य वीपी राव जब रिपोर्ट लिखाने गए तो थानेदार ने मुलाहिजा के लिए कहा।
पकड़े गए पत्थरबाज ने उगला नाम
घटना के दौरान जिस पत्थरबाज को पकड़ा गया वह भी भारत माता स्कूल का छात्र बताया जा रहा है। घटना की पूरी थानेदार को उसने बताया है। जिसमें उसने यह भी कहा कि कुछ उसके दोस्त थे बाकी कौन थे उसे वह नहीं जानता। फिलहार आधा दर्जन से अधिक नाम उसने उगल दिया है।तालापारा के अधिकांश युवक है। जिसकी तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही है।
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टीचर करते हैं छात्रों को प्रताड़ित
केंद्रीय विद्यालय में इस तरह की घटना के बाद अभिभावक बेहद नाराज है। कुछ अभिभावकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यहां तक कहा कि कुछ टीचर भी छात्रों को जबरन प्रताड़ित करते हैं। जिसके कारण छात्र परेशान है। स्कूल प्रबंधन उन्हें निकालने व परीक्षा में शामिल नहीं करने धमकी भी देते हैं। ऐसे टीचरों पर भी कार्रवाई करने अभिभावक एकजुट हो गए हैं।
खतरे में है बच्चों की सुरक्षा
00 केंद्रीय विद्यालय में घटना के बाद साफ हो गया कि बच्चे सुरक्षित नहीं है।
00 एक साल पहले असामाजिक तत्वों ने दीवारों में गलियां लिखी थी।
00 गेट के पास पत्थरबाजी होती रही सुरक्षा गार्ड का अता पता नहीं था।
00 छुट्टी के दौरान काफी भीड़ होती है पुलिस भी संवेदनशील नहीं है।
00 महज 500 मीटर की दूरी पर तोरवा थाना है पहुंचने में एक घंटे लगा।
00 बच्चों की शिकायत को प्रबंधन कभी गंभीरता से नहीं लेता है।
00 बस, कैंपस व क्लासरूम में मारपीट की घटना आम बात है।
बाहरी लड़कों ने यहां आकर गेट के बाहर पत्थरबाजी की है। जिसमें कुछ बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। किन वजहों से उन्होंने ऐसा किया इसका पता नहीं चला है। पुलिस में रिपोर्ट कर दिया है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। कैंपस के बाहर सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।
वीपी राव
प्रभारी प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय बिलासपुर