नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर : जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में मरीजों को ओपीडी में बिजली गुल होने की स्थिति में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालात ये हैं कि जैसे ही बिजली जाती है, डाक्टरों को टार्च और मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता है। बुधवार को दोपहर करीब 1:10 बजे 15 मिनट के लिए बिजली गुल हुई, जिससे सर्जिकल, मेडिसिन, टीबी-चेस्ट, शिशु, ईएनटी, त्वचा, नेत्र ओपीडी पूरी तरह अंधेरे में डूब गई।
बता दें कि इस दौरान मरीज खुद अपने मोबाइल से डॉक्टर को टार्च जलाकर दिखाते नजर आए। तब जाकर डॉक्टर उनकी पर्ची तो पढ़ पाए, लेकिन जांच करने और गंभीर मामलों में उपचार करना मुश्किल हो गया। अस्पताल में सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक ओपीडी चलती है, जिसमें रोज़ सैकड़ों मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। लेकिन ओपीडी ब्लॉक में जनरेटर की व्यवस्था नहीं है, जिससे थोड़ी देर की बिजली गुल होने पर भी कार्य पूरी तरह ठप हो जाता है।
डॉक्टर और मरीज दोनों बिजली आने का इंतजार करते रहते हैं और इस बीच मरीजों की भीड़ बढ़ती जाती है। 19 जुलाई को भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, जब मेंटेनेंस के कारण सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक 2 घंटे बिजली नहीं रही। हालांकि डॉक्टरों को पहले ही इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन इस अवधि में मरीज लगातार आते रहे और परेशानी झेलते रहे।
ओपीडी के अंदर जांच करने की कई मशीनें हैं जैसे बीपी मशीन, नेबुलाइजर, जांच स्कैनर बिजली से चलते हैं। लेकिन बिजली जाने के कारण इनका उपयोग नहीं हो पाता। कई मामलों में मरीज की आंख, कान और त्वचा संबंधी समस्या को बिना पर्याप्त रोशनी के देखा ही नहीं जा सकता। एक डॉक्टर ने बताया कि टार्च से सिर्फ पर्ची पढ़ी जा सकती है, लेकिन शरीर की सूजन, घाव और अन्य लक्षणों को देखना मुश्किल हो जाता है।
डॉक्टरों और स्टाफ की माने तो सिम्स में हर दिन चार-पांच बार बिजली ट्रिप होती है। यह स्थिति कभी बारिश, कभी तकनीकी फाल्ट या फिर शार्ट सर्किट की वजह से बनती है। सिम्स में बने सबस्टेशन से चार ट्रांसफार्मर के जरिए विभिन्न वार्डों में बिजली पहुंचाई जाती है, लेकिन ओपीडी सेक्शन सबसे अधिक प्रभावित रहता है।
सिम्स में आइसीयू, एआइसीयू, ब्लड बैंक और इमरजेंसी वार्ड में जनरेटर की सुविधा है, जिससे बिजली गुल होने पर वहां तुरंत बिजली मिल जाती है। लेकिन ओपीडी जैसे सबसे अधिक भीड़ वाले विभाग में जनरेटर नहीं लगाया गया है, जबकि यहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं।
यह भी पढ़ें: तेज रफ्तार ने ले ली वन मंत्री के भतीजे की जिंदगी, 140 km की स्पीड पर Race लगाते समय हुआ हादसा
ओपीडी वार्डों में जनरेटर के माध्यम से बिजली दी गई थी, लेकिन लोड अधिक बढ़ने के कारण वहां की लाइन काटनी पड़ी। हम जल्द ही ओपीडी में बिजली के लिए जनरेटर या फिर इन्वर्टर की व्यवस्था करेंगे।
-रमणेश मूर्ति, डीन, सिम्स