नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस के जनरल कोच से मंगलवार को इंडियन तिब्बत पुलिस के एएसआई और हेड कांस्टेबल की सर्विस पिस्टल, चार मैगजीन, 24 जिंदा कारतूस और 10 हजार रुपये के चोरी मामले में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।
शासकीय रेलवे पुलिस एसपी श्वेता सिन्हा ने रविवार को मामले का राजफाश किया है। जीआरपी ने इस मामले में आरोपित खम्हरिया थाना भाटापारा निवासी रंजीत मरकाम को गिरफ्तार किया है और उसके पास से दो पिस्टल, चार मैगजीन और 24 ज़िंदा कारतूस जब्त किया है।
जीआरपी एसपी श्वेता सिन्हा ने बताया कि आइटीबीपी के एएसआई वायपी. ओझा, हेड कांस्टेबल (टेलीकाम) जितेंद्र सिंह और कांस्टेबल बुद्ध देव मलिक इस ट्रेन में हटिया से दुर्ग स्टेशन तक यात्रा कर रहे थे। रात तीन बजे ट्रेन चांपा स्टेशन पर पहुंची तब वे सो गए। सुबह 5:50 बजे भाटापारा स्टेशन पर उनकी नींद खुली तो बैग गायब था। ओझा ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद चांपा से लेकर भाटापारा तक फुटेज खंगाले गए।
रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी की टीम ने बिलासपुर स्टेशन का सीसीटीवी भी खंगाला, जिसमें जीआरपी को अहम सुराग मिला। जांच के दौरान बिलासपुर रेलवे स्टेशन चौक से तितली चौक के बीच झाड़ियों में शिकायतकर्ता के दस्तावेज और कपड़े बरामद हुए।
आरोपित ने जीआरपी को किया गुमराह पिस्टल रखा पिट्टू बैग चोरी करने वाला चोर बेहद शातिर निकला। चोर ने पुलिस और जीआऱपी को गुमराह करने के लिए दो अलग-अलग जगह कपड़े और दस्तावेज फेंके। पहली बार सामान जीआरपी दफ्तर के पीछे मिला, जबकि दूसरी बार कोच रेस्टोरेंट के पास।
जांच के दौरान जीआरपी यहां भी गुमराह हो गई, क्योंकि यहां से तीन रास्ते निकलते हैं, जिससे अफसर असमंजस में थे कि चोर आखिर किस दिशा में गया, लेकिन चोर की यह चालाकी जीआरपी के सामने नहीं चली और अब वह जीआरपी की गिरफ्त में है।