बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
सिम्स में शनिवार को जयपुर के डॉ. दिनेश शाह ने आधुनिक एमआईपीएच(मिनिमली इनवेसिव प्रोड्यूस फॉर हेमोराइड) पद्धति से पाइल्स के ऑपरेशन का लाइव डेमोस्ट्रेशन दिया। डॉ. शाह ने महज तीन घंटे में पांच ऑपरेशन किए। अब यहां भी इस पद्धति से महज आधे में पाइल्स का ऑपरेशन होगा।
पाइल्स का ऑपरेशन अत्यंत जटिल होता है। इसमें कम से कम दो घंटे का समय लगता जाता है। लेकिन नई तकनीक की वजह से यह काम आसान हो गया है। शनिवार को जयपुर के डॉक्टर दिनेश शाह ने सिम्स में एमआईपीएच पद्धति से ऑपरेशन करने का तरीका डॉक्टरों को बताया। इस दौरान उन्होंने सिम्स के डॉक्टरों के साथ 5 लोगों का ऑपरेशन किया। इसका सीधा प्रसारण ऑडिटोरियम में प्रोजेक्टर में माध्यम से किया गया। डॉक्टरों के साथ छात्र-छात्राओं ने ऑपरेशन की बारीकी सीखी। प्रभारी डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि सिम्स में पाइल्स के ऑपरेशन के लिए बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। यहां पर पुरानी पद्धति से ऑपरेशन की सुविधा थी। इसमें समय अधिक लगता था। साथ ही मरीजों को सामान्य होने में कम से कम 15 दिन तक लगते थे। अब एमआईपीएच पद्धति से सिर्फ आधे घंटे में ऑपरेशन होगा और इसके आधे घंटे के भीतर में मरीज खड़ा हो सकता है। दो से तीन दिनों में ही पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।
60 से 70 प्रतिशत को पाइल्स की समस्या
डॉ. दिनेश शाह ने बताया कि पाइल्स से ग्रसित होने वाली की संख्या 60 से 70 प्रतिशत तक है। ग्रामीण क्षेत्रों में पाइल्स के ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने से ग्रामीण नीम-हकीम के चक्कर में फंसकर बीमारी को और भी बढ़ा देते हैं।
सिम्स में निःशुल्क निजी में 50 हजार खर्च
डॉ. दिनेश शाह ने बताया कि निजी अस्पतालों में पाइल्स का ऑपरेशन करने के लिए 40 से 50 हजार रुपए तक का खर्च आता है। लेकिन सिम्स में नई पद्धति से उपचार पूरी तरह से निःशुल्क रहेगा। सरकार इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
इस तरह होता ऑपरेशन
डॉ. शाह ने बताया कि एमआईपीएच पद्धति में मशीन डालकर पाइल्स वाले स्थान को काटा जाता है। इसके बाद स्टेपलर पद्धति से चीरे पर स्टेपलर कर दिया जाता है। इससे खून भी कम बहता है और दर्द भी बेहद कम होता है। यह पद्धति काफी कारगार सिद्ध हो रही है।