नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। हटिया-दुर्ग (08185) एक्सप्रेस ट्रेन से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एएसआई व प्रधान आरक्षक का बैग चोरी हो गया। इसमें उनकी दो पिस्टल, चार मैग्जीन और 24 जिंदा कारतूस और 10 हजार रुपये नकद व मोबाइल चोरी रखे थे। घटना के बाद उन्होंने मोबाइल एप रेल मदद पर सूचना देकर सहयोग मांगा। इस घटना के बाद से जीआरपी व आरपीएफ में हड़कंप मचा हुआ है।
रायगढ़ से लेकर बिलासपुर व भाटापारा तक हर एक स्टेशन में पूछताछ व जांच चल रही है। अब तक किसी तरह सुराग नहीं मिला है। घटना बुधवार की है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस रांची 40वीं बटालियन में एएसआई योगेन्द्र प्रसाद ओझा, प्रधान आरक्षक टेलीकाम जितेन्द्र सिंह एवं आरक्षक बुद्धदेव मलिक पदस्थ हैं। तीनों हटिया स्टेशन से इस ट्रेन दुर्ग रेलवे स्टेशन आने के लिए रवाना हुए। उनका रिजर्वेशन नहीं था, इसलिए तीनों इस ट्रेन के जनरल कोच डी-2 (पीछे से दूसरा) में सवार हुए। यात्रा के दौरान उनके पास सिल्वर कलर का पिट्ठू बैग था।
इसके अंदर एएसआई व प्रधान आरक्षक ने अपनी सर्विस पिस्टल, चार मैग्जीन, 24 जिंदा कारतूस, एक मोबाइल व 10 हजार रुपये नकद रख हुए थे। यात्रा के दौरान वह एक कर्पाटमेंट में दोनों नीचे वाली लोवर बर्थ में सो रहे थे एवं उनके सिल्वर कलर के बैग को दोनों सीटों के मध्य खाली जगह पर रख दिए थे। उनकी आंख लग गई। सुबह 5.50 बजे नींद खुली, तब उन्होंने देखा कि उनका सिल्वर कलर का बैग नहीं था। इससे उनके होश उड़ गए और परेशान होकर रेल मदद में शिकायत की। उन्होंने तत्काल एएसआई ओझा के मोबाइल पर संपर्क किया और घटना की जानकारी ली।
इस पर ओझा ने बताया कि वह बिलासपुर आ रहे हैं। इस पर उनके पहुंचने का इंतजार किया गया। जब वह पहुंच गए, तब तीनों स्टाफ ने जीआरपी को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद आरपीएफ, जीआरपी व आरपीएफ की क्राइम ब्रांच टीम पड़ताल में जुट गई। देर रात तक मामले में जीआरपी की पूछताछ व जांच चलती रही। इसलिए थाने में अपराध पंजीबद्ध नहीं हो सका।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस स्टाफ ने बिलासपुर पहुंचकर जानकारी दी कि रात तीन बजे ट्रेन रायगढ़ से चांपा के बीच थी। उस समय तक बैग सीट के यथावत स्थान पर सुरक्षित रखा हुआ था। उन्होंने घटना चांपा से भाटापारा रेलवे स्टेशन के बीच होने का अनुमान लगाया गया है। इसलिए घटना स्थल इन्हीं दोनों स्टेशनों के बीच को माना जा रहा है। जांच भी इन्हीं स्टेशनों के बीच की जा रही है। लेकिन, अब तक किसी तरह का सुराग नहीं मिला है।
मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए बिलासपुर आरपीएफ पोस्ट, टास्क टीम, सीआइबी बिलासपुर एवं जीआरपी बिलासपुर के साथ समन्वय कर बिलासपुर स्टेशन का सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया। प्रार्थी को भी फुटेज दिखाया गया। दिनभर की जांच के बाद भी अब तक कोई भी संदिग्ध प्रार्थी के बैग लेकर जाते हुए बिलासपुर स्टेशन में नहीं दिखाई दिया है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के तीनों स्टाफ की ड्यूटी डोंगरगढ़ में थी। वह ड्यूटी पर तैनात होने के लिए ही हटिया से दुर्ग स्टेशन तक यात्रा कर रहे थे। दुर्ग स्टेशन से किसी तरह ट्रेन से डोंगरगढ़ तक जाने की योजना थी। लेकिन, उससे पहले इतनी बड़ी घटना हो गई।
एएसआई व प्रधान आरक्षक दोनों निलंबित जीआरपी थाने में बैठे एएसआई व प्रधान आरक्षक के चेहरे पर चिंता स्पष्ट दिख रही थी। हालांकि पहले तो वह घटना के संबंध में कुछ भी बताने से इनकार करते रहे। लेकिन, पता चला है कि उन्होंने इस घटना की सूचना अपने हेडक्वार्टर को दी। हेडक्वार्टर से जीआरपी में अपराध दर्ज कराने के साथ गंभीरता से जांच कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्हें निलंबित भी कर दिया है। जिसकी पुष्टि उन्होंने खुद की है।