बिलासपुर।Quantifiable Data Commission News: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें का सर्वेक्षण के लिए आनलाइन पंजीयन एवं डाटा संग्रहण तथा सत्यापन का कार्य बीते एक सितंबर से किया जा रहा है। यह कार्य 12 अक्टूबर तक जारी रहेगा। सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित करने के लिए गठित आयोग ने मंगलवार को संभागीय मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न् संगठनों और जनप्रतिनिधियों के साथ रायशुमारी की।
राज्य शासन द्वारा चार सितंबर को अध्यादेश के माध्यम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया। जल संसाधन विभाग परिसर स्थित प्रार्थना सभाकक्ष में आयोजित बैठक में आयोग के अध्यक्ष छबिलाल पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनसंख्या में इन वर्गाें का सही डाटा शासन को उपलब्ध करा सके यह आयोग का उद्देश्य है।
एप के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों को खाद्य विभाग के राशन कार्ड में उपलब्ध डाटा के अनुसार सत्यापन किया जाएगा। आयोग के सचिव बीसी साहू ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाें के मापदंड के लिए भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी परिपत्र के अनुसार दिए गए प्रविधानों के अनुरूप आवेदक के डाटा का पंजीयन किया जाएगा।
किसी भी परिवार की वार्षिक आय आठ लाख स्र्पये से कम हो तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा परंतु उसके पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए। नगरीय निकाय क्षेत्र में 900 वर्गफुट से कम का आवासीय भूखंड अथवा एक हजार वर्गफुट से कम का फ्लैट धारितकर्ता हो। इस निर्धारित मापदंड से अधिक क्षेत्रफल होने से आर्थिक रूप से कमजोर नहीं माना जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में यह मापदंड जरूरी
ग्रामीण क्षेत्र में पांच एकड़ से कम कृषि भूमि तथा दो हजार वर्गफुट से कम क्षेत्र का मकान तथा आवासीय भूखंड पाए जाने पर ही आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत छग शासन अनुसूचित तथा जनजाति विभाग द्वारा 10 अगस्त 2020 को जारी पात्रता अनुसार घोषित 95 जातियां शामिल होंगे। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के अंतर्गत कुछ जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र में वार्ड को निर्धारित किया गया है। आवेदन मोबाइल एप के अलावा लोक सेवा केंद्र, च्वाइस सेंटर या ग्राम पंचायतों में जमा करा सकते हैं। बैठक में भुवनेश्वर यादव, बद्री जायसवाल, कृष्ण कुमार यादव, ईश्वर देवांगन, कृष्ण कुमार साहू सहित अन्य समाजों के प्रतिनिधियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव आयोग को दिए।