बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
बी.कॉम प्रथम वर्ष के हिन्दी (आधार पाठ्यक्रम) विषय की परीक्षा बुधवार को तीसरी पाली में हुई। इसके प्रश्नपत्र में एक सवाल झक मारना मुहावरे का अर्थ व उसका वाक्य में प्रयोग पूछा गया था। इसे देख परीक्षार्थी चौंक गए। वे एक-दूसरे की बगले झांकते रहे। परीक्षा केंद्र के बाहर यह सवाल सभी छात्रों की जुबान पर था।
बिलासपुर विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा के तीसरे दिन बुधवार को चार विषयों की परीक्षा हुई। तीसरी पाली में दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक बी.कॉम प्रथम वर्ष का हिन्दी विषय का पर्चा हुआ। इसमें संभागभर से 10 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। हिन्दी विषय का पर्चा परीक्षार्थियों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ था। सीएमडी, कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय, डीपी विप्र महाविद्यालय, एसबीटी और शासकीय जेपी वर्मा कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के परीक्षा केंद्र से परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थी इस पर चर्चा करते दिखे। प्रश्न क्रमांक 2 में किन्ही पांच मुहावरों का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग करना था। प्रत्येक में एक अंक निर्धारित था। पांचवे विकल्प में झक मारना का उल्लेख था। परीक्षार्थी इसका अर्थ खोजने में लगे रहे। सीएमडी कॉलेज से पेपर देने के बाद निकले शंभु रजक ने बताया कि परीक्षा हॉल में उसके सामने बैठे परीक्षार्थी से पूछा कि झक मारना किसे कहते हैं। वह भड़क गया। कहा चुपचाप अपना लिखो। बाहर आकर पूछा तो सब इसी पर हंस रहे थे। एक प्राध्यापक से पूछा तो उन्होंने कहा कि सालभर पढ़ाई कर रहे थे या झक मार रहे थे। फिर मैं सीधे घर के लिए निकल गया।
समय सारिणी पर सुबह असमंजस
परीक्षा विभाग द्वारा जारी समय सारिणी को लेकर बीए प्रथम वर्ष के परीक्षार्थी असमंजस में रहे। पहली पाली की परीक्षा सुबह 7 बजे से शुरू होनी थी। ठीक पहले बड़ी संख्या में प्राइवेट परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंच गए। केंद्राध्यक्ष ने समय सारिणी देखी तो पता चला कि नियमित व स्वाध्यायी दोनों लिखा हुआ है। कंट्रोल रूम से संपर्क किया तो पता चला की समय सारिणी में प्रथम वर्ष के प्राइवेट वालों का अलग से समय सारिणी भी जारी की गई है। बाद में स्थिति स्पष्ट होने के बाद सभी लौट गए। आधार पाठ्यक्रम हिन्दी की परीक्षा 20 मार्च को है। बुधवार को सिर्फ नियमित छात्रों की परीक्षा थी।