नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। जोनल स्टेशन के बाहर नो- पार्किंग जोन बनाया गया है। इस दायरे में गाड़ी खड़ी करने वाले पर रेलवे की विशेष टीम कार्रवाई भी कर रही है। इससे यात्री तो जागरूक हो गए हैं। लेकिन, रेलवे का स्टाफ इसकी अनदेखी कर रहा है। जांच के दौरान अधिकांश गाड़ियों रेलकर्मियों की निकलती है। कार्रवाई न करने के लिए वे एप्रोच भी लगाते हैं। जिसे देखते हुए अब सख्त चेतावनी दी गई है कि यदि अब रेलकर्मियों की गाड़ी नो- पार्किंग खड़ी होती है तो उन पर नियमानुसार 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
यह सख्ती जरूरी भी है। क्योंकि नियम रेल प्रशासन ने बनाया है। लेकिन, रेलकर्मी खुद इसका पालन नहीं कर रहे हैं। आठ सदस्यीय टीम को जांच के दौरान इसी तरह की समस्या आ रही है। दरअसल रेलवे स्टेशन में सभी विभागों के कर्मचारी व अधिकारी कार्य करते हैं। सुबह वह अपने वाहन से कार्यालय पहुंचते हैं और काम पर लग जाते हैं। यह कर्मचारी अपनी गाड़ी ऐसी जगह खड़ी करते हैं जहां नई व्यवस्था के तहत रेलवे ने नो- पार्किंग घोषित किया हुआ है। अब यहां गाड़ी रखना प्रतिबंधित हो गया है। इसके लिए जुर्माना का प्राविधान में किया गया है। इस नई व्यवस्था में नागरिक सुरक्षा संगठन के स्टाफ की पूरे समय नजर रहती है। जहां गाड़ी दिखती है, उसे लिफ्टर वाहन से उठाकर उस जोन में रख दिया जाता है, जहां से गाड़ी तभी दी जाती है, जब जुर्माना जमा किया जाता है। इस व्यवस्था से काफी हद तक स्टेशन की यातायात व्यवस्था में सुधार आया है। यात्री व उनके स्वजन इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि कहीं उनकी गाड़ी का जुर्माना न हो जाए। लेकिन, रेलकर्मी अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहे है। इसलिए रेल मंडल से एक सख्त आदेश जारी हुआ है। जिसमें सभी विभागों के स्टेशन में पदस्थ प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वह कर्मचारियों को मना करें, उन्हें जुर्माना के बारे में बताएं। इस चेतावनी के बाद भी कर्मचारी नहीं मानते हैं तो आम यात्रियों के तहत जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। वह सभी शर्ते लागू रहेंगी, जो आम यात्रियों के बनी है।
छह घंटे के बाद प्रति घंटा 20 रुपये अतिरिक्त
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि गाड़ी जब्त होने के बाद 200 रुपये जुर्माना लगेगा। यदि कर्मचारी छह घंटे के भीतर गाड़ी नहीं लेकर जाता है तो उसके बाद प्रति घंटे 20 रुपये अतिरिक्त लगेंगे।
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ट्रेन का फाल प्लेट टूटकर गिरा, खतरा देख बिलासपुर में की गई मरम्मत
हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस के दो कोच के बीच लगा फाल प्लेट रास्ते में टूटकर गिर गया। ट्रेन के इस महत्वपूर्ण उपकरण के अभाव के चलते यात्रियों को एक से दूसरे कोच पर जाने में परेशानी हो रही थी। गिरने का खतरा भी मंडरा रहा था। इसी खतरे को देखकर बिलासपुर को सूचना दी गई। यहां नया प्लेट लेकर संबंधित विभाग का अमला खड़ा था। ट्रेन के आते ही नए फाल प्लेट लगाकर वेल्डिंग की गई। इस मरम्मत कार्य के चलते ट्रेन 15 मिनट विलंब से रवाना हुई।
यह ट्रेन शनिवार को करीब एक घंटे विलंब से दोपहर 12:40 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। उस समय रेलवे का अमला प्लेटफार्म पर तैनात था। कुछ पल के लिए सभी सोच में पड़ गए। हालांकि, जब ट्रेन रूकी और उसके बाद कर्मचारी कोच के अंदर चढ़े तो माजरा समझ आया। इस ट्रेन के एस-1 व एस-2 कोच के बीच फाल प्लेट टूटकर रास्ते में कही गिर गया था। इसी प्लेट के सहारे यात्री एक से दूसरे कोच में जाते हैं। नया प्लेट लगाना बेहद जरुरी था, क्योंकि रात में परेशानी हो सकती थी। अंधेरे के कारण दुर्घटना होने का भी खतरा था। हालांकि ऐसी स्थिति आने से पहले मरम्मत कर ली गई। ट्रेन स्टाफ ने बिलासपुर में कंट्रोल को जानकारी दी। जिस पर संबंधित विभाग का अमला नए प्लेट के साथ प्लेटफार्म पर मौजूद था। दोनों कोच के बीच नए प्लेट को रखकर वेल्डिंग की गई। जब यह हिस्सा पूरी तरह सुरक्षित हो गया, उसके बाद ही ट्रेन को बिलासपुर रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया। यात्रियों को अब खतरा नहीं है। मरम्मत होने के बाद यात्रियों ने भी राहत की सांस ली।