नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। स्टेशन के बाहर यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए रेलवे ने नो- पार्किंग का दायरा बढ़ा दिया है। अब स्टेशन के सामने के अलावा दूर खड़ी गाड़ियों को जब्त कर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। दोपहिया व चारपहिया वाहनों के लिए जुर्माने की राशि भी निर्धारित की गई है। इसके अलावा एक स्टाफ को प्रभारी नियुक्त किया गया है। वह जुर्माने की रसीद देंगे।
यात्रियों के वाहनों की बेहतर यातायात व्यवस्था के साथ ही एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के क्रियान्वयन के लिए रेलवे प्रशासन प्रतिबद्ध है। यात्रियों के वाहनों की व्यवस्थित व सुरक्षित पार्किंग के लिए पार्किंग स्टैंड का प्राविधान किया गया है, जिससे वे निर्धारित शुल्क का भुगतान कर अपने वाहनों को खड़ा कर निश्चिंत रह सके। बिलासपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों के दोपहिया व चार पहिया वाहनों के पार्किंग के लिए अलग-अलग पार्किंग स्टैंड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रेलवे का मानना है कि यात्री या उनके स्वजन पार्किंग में गाड़ियां खड़ी न कर नो- पार्किंग में रखते हैं। जिसके चलते स्टेशन पहुंच मार्ग में यातायात बाधित होता है और यात्रियों को ही परेशानी होती है। लेकिन अब इस नई व्यवस्था से मार्ग पर बाधा नहीं आएगा। हालांकि रेलवे की इस व्यवस्था से आम जनता को परेशानी होगी।
यह होगा नो- पार्किंग का दायरा
स्टेशन परिसर में यात्रियों के व्यवधान रहित व सुगम आवागमन के साथ ही साथ स्टेशन के बेहतर सुंदरीकरण सुनिश्चित करने पार्किंग के लिए अधिसूचित स्थानों के अलावा जीरो गेट से स्टेशन चौक, आरक्षण कार्यालय भवन से चुचुहियापारा आरयूबी तक, स्टेशन चौक से तितली चौक एवं रेलवे कोच रेस्टोरेन्ट से महेश स्वीट्स तक रेलवे क्षेत्र को नो पार्किंग क्षेत्र घोषित किया गया है।
200 से 500 रुपये वसूलेंगे जुर्माना
रेलवे प्रशासन ने निर्णय लिया है कि नो पार्किंग क्षेत्र में खड़ी दो-तीन पहिया गाड़ियों को उठाकर एक निर्धारित स्थान गेट नंबर चार के आगे टीआरडी आफिस के पास रखा जाएगा। इन गाड़ियों को 200 रुपये शुल्क का भुगतान करने के बाद ही छोड़ा जाएगा। इसी तरह छह घंटे के भीतर नहीं छुड़ाने की स्थिति में अतिरिक्त 20 रुपये प्रतिघंटे की दर से शुल्क वसूल किया जाएगा। इसी तरह नो -पार्किंग में खड़े चार पहिया वाहनों को वहीं पर क्लेंपिंग किया जाएगा और 500 रुपये शुल्क का भुगतान करने पर ही छोड़ा जाएगा इसके अलावा 06 घंटे के भीतर नहीं छुड़ाने की दशा में अतिरिक्त 50 रुपये प्रति घंटे की दर से अतिरिक्त शुल्क देना होगा। शुल्क की रसीद इस कार्य के प्रभारी रेलवे कर्मचारी द्वारा दिया जाएगा। वाहनों को नहीं ले जाने की स्थिति में रेलवे नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।