बिलासपुर अंचल में राउत बाजार की मची धूम
छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से दशहरा पर्व के बाद से धान कटाई शुरू हो जाती है। और यह काम दिवाली के पहले तक पूरा हो जाता है। ...और पढ़ें
By Manoj Kumar TiwariEdited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sat, 25 Nov 2023 11:34:59 AM (IST)Updated Date: Sat, 25 Nov 2023 11:34:59 AM (IST)
राउत नाचा महोत्सव फाइल फोटो।HighLights
- अच्छी फसल की खुशी में यदुवंशी
- नृत्य की प्रस्तुति की मनमोहक प्रस्तुति
- एकादशी के बाद ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले बाजार लेते हैं मेले का रूप
बिलासपुर (नईदुनिया) अतुल वासिंग । परंपरा: धान कटाई के बाद और अब देवउठनी एकादशी पर्व संपन्न होने के बाद ग्रामीण अंचल में राउत बाजार का दौर शुरू हो चुका है। अच्छी फसल की खुशी में यदुवंशी इसका आयोजन करते है। जिसमे परांपरागत नृत्य की प्रस्तुति की मनमोहक प्रस्तुति दी जाती है और अंचलवासियों के अच्छे भविष्य की कामना की जाती है।
यह परंपरा बेहद पुरानी है, वही अब अंचल के हर साप्ताहिक बाजार में लगने वाले राउत बाजार में नाचा का कार्यक्रम होगा और रहवासी मेले का आनंद उठाएंगे। छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से दशहरा पर्व के बाद से धान कटाई शुरू हो जाती है। और यह काम दिवाली के पहले तक पूरा हो जाता है। ऐसे में हर घर धान नजर आता है जो कृषक व ग्रामीणों को समृद्धि बनाने का द्योतक रहता है।
वही इसकी खुशी कई तरह से बनाई जाती है और कई परंपरा चलती है। उन्हीं में से एक होता राउत बाजार जो अंचल के लगभग सभी गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में लगता है। इसमें खास यह होता है कि उस क्षेत्र के राउत अपने पारंपरिक वेशभूषा में बाजार में पहुंचते हैं और पारंपरिक नृत्य के साथ नाचा का कार्यक्रम करते हैं। इसके वजह से उस दिन खाने-पीने की अस्थायी दुकानें भी लग जाती हैं।
इससे आसपास के ग्रामीणों को भी मनोरंजन का एक साधन मिल जाता है। वहीं अब यह सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में आने वाले दो सप्ताह तक परंपरा के अनुरूप ग्रामीण अंचल के साप्तहिक बाजार में मेले का भी आनंद मिलेगा। जहां ग्रामीण खरीदारी करने के साथ ही मेले का लुत्फ उठा सकेंगे।