बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।Road Accident in Bilaspur: शहर की सड़कों की हालत बदतर हो गई है। जगह-जगह जानलेवा गड्ढे और उसमें गिरकर किसी के हाथ तो किसी के पैर की हड्डी टूट रही है। ऐसा ही वाकया रविवार को अशोक नगर की बदहाल सड़क पर हुआ। अशोक नगर की युवती अल्पना शर्मा इंटरनेट मीडिया में वीडियो शेयर कर जनप्रतिनिधियों के प्रति अपने गुस्से का इजहार कर रही है। गुस्सा इतना कि वे बोलते-बोलते फट पड़ीं और यहां तक कह दिया कि आपको जनता की सेवा के लिए चुना गया है न कि टीवी में देखने के लिए।
अशोक नगर की रहने वाली युवती का बयान उन्हीं के शब्दों में हम बता रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में शेयर वीडियो में युवती काले रंग का मास्क पहनी हुई है। गले में सफेद रंग की पट्टी नजर आ रही है। मास्क पहने वे बोल रही हैं.. विधायक महोदय बीते एक साल से आपसे भेंटकर बार-बार निवेदन कर रही हूं कि अशोक नगर की सड़क को बनवा दीजिए।
आपने ध्यान ही नहीं दिया। आज तो मेरी जान जाते-जाते बची। गड्ढे में गिरने के कारण मेरा एक हाथ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई है। दर्द से कराह रही हूं। मेरी स्कूटी की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसे चलाने लायक नहीं है। आप लोग किसी के मरने का इंतजार करते बैठे हैं क्या? आप लोग इस इंतजार में हैं क्या कि कोई मर जाए तो कुछ काम शुरू होगा। डेढ़ साल हो गए हैं सड़क को खराब हुए। इस बीच मेरे अलावा दर्जनों मोहल्लेवासियों ने आपसे मिलकर सड़क बनाने की मिन्नतें कर चुके हैं। सड़क बनवा नहीं सकते तो कम से कम गड्ढों को ही भरवा दीजिए।
पीड़ित युवती ने वीडियो को वायरल करने की अपील
पीड़ित युवती दर्द से कराह रही थी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण गुस्से में भी नजर आ रही थी। युवती ने वीडियो देखने वालों से आग्रह किया है कि वीडियो को ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वायरल करें, ताकि जनप्रतिनिधियों की हकीकत लोगों के सामने आ सके। वीडियो में उन्होंने दोटूक कहा है कि आम जनता ने आपको जनता की सेवा करने के लिए चुना है न कि बेवजह राजनीति करने के लिए।
शहर की 60 सड़कें खतरनाक, सर्वे में पूरा, अब मरम्मत का इंतजार
शहर व आसपास की बदहाल सड़कों को लेकर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में सड़कों की हालत में सुधार हो सकेगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने शनिवार से सड़कों की मरम्मत शुरू की है। हालाकि नगरीय प्रशासन विभाग की एकमात्र राजीव गांधी चौक से तिफरा ओवरब्रिज के उस पार की सड़क की मरम्मत कराई गई है। दो दिन में सड़क मरम्मत का काम पूरा भी हो गया है। दरअसल, यह सड़क नगर निगम की है। जिसे पेंच वर्क कर दुस्र्स्त किया गया है। मालूम हो कि शहर सीमा के भीतर लोक निर्माण विभाग की ज्यादातर सड़कें हैं। इसी तरह नगर निगम की तकरीबन 60 सड़कें हैं।
जिसे विधानसभा चुनाव के पहले बनाया गया था। इसके बाद अमृत मिशन व सीवरेज परियोजना के कारण खोदाई की गई। जिन सड़कों का निर्माण किया गया। वह सड़क सीवरेज के गड्ढों की वजह से धंस गई। इसके चलते समय से पहले ही सड़कें बदहाल हो गईं। इसके बाद भी न तो नगर निगम ने सड़कों को दुस्र्स्त करने की पहल की और न ही लोक निर्माण विभाग ने सड़कों को सुधारने का प्रयास किया। शहर की सड़कों की दुर्दशा को लेकर हिमांक सलूजा ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसे हाई कोर्ट में संज्ञान में लिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा की युगलपीठ ने नगरीय प्रशासन व लोक निर्माण विभाग के सचिव को शहर की बदहाल सड़कों पर शपथ पत्र मांगा है। हाई कोर्ट की इस सख्ती के बाद नगरीय प्रशासन विभाग, नगर निगम के साथ ही लोक निर्माण विभाग ने सुध ली है। नगर निगम ने अपनी 60 से अधिक सड़कों का सर्वे कराया है। इसके आधार पर इस्टीमेट भी तैयार किया गया है।
स्मार्ट सिटी फंड से बनेंगी सड़कें
हाई कोर्ट के संज्ञान में लेने के बाद अफसर अब सड़क निर्माण के लिए फंड की तलाश कर रहे हैं। दरअसल नगर निगम के पास सड़क बनाने के लिए कोई फंड नहीं है। यही वजह है कि निगम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आने वाली सड़कों को बनाने के लिए इस फंड से इस्टीमेट तैयार किया है। अफसरों ने बताया कि स्मार्ट सिटी एरिया में आने वाली 60 सड़कों को बनाने के लिए दो करोड़ 15 लाख स्र्पये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। इसे मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पांच करोड़ स्वीकृत करने शासन को भेजा प्रस्ताव
इसी तरह नगर निगम ने शहर के दूसरे क्षेत्र की सड़कों को बनाने के लिए भी सर्वे कराया है। सर्वे के बाद नगर निगम ने पांच करोड़ स्र्पये का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए राशि स्वीकृत करने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
लोक निर्माण विभाग को भी नहीं है सुध
शहरी सीमा में लालखदान से लेकर नेहरू चौक व मंगला तक की सड़कें लोक निर्माण विभाग की है। इसी तरह से मोपका से नूतन चौक, सीपत चौक, रतनपुर रोड, पुराना सरकंडा, राजीव गांधी चौक व जरहाभाठा मंदिर चौक से लेकर मगरपारा, टेलीफोन एक्सचेंंज रोड, पुराना बस स्टैंड से लेकर गांधी चौक सहित कई ऐसी महत्वपूर्ण सड़कें हैं जो लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आती हैं। लेकिन इन सड़कों को भी वर्ष 2018 के बाद से दुस्र्स्त करने के लिए के लोक निर्माण विभाग ने कोई पहल नहीं की है।
न्यायमित्र अधिवक्ताओं ने निरीक्षण के बाद बनाई रिपोर्ट, आज फिर होगी सुनवाई
हाई कोर्ट द्वारा सड़कों का निरीक्षण करने के लिए न्यायमित्र गठित कर समिति बनाई गई है। शनिवार को अधिवक्ताओं की टीम ने शहर सीमा के भीतर सड़कों का जायजा लिया। इस दौरान स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़कों के साथ ही अमृत मिशन के गड्डों से जर्जर सड़कों को देखा। करीब पांच घंटे तक टीम ने शहर में घूम-घूमकर निरीक्षण किया। इसके बाद अधिवक्ताओं ने रिपोर्ट तैयार की है। जिसे सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।