बिलासपुर। रेलवे केंद्रीय अस्पताल मार्ग अभी भी पूरे समय के लिए नहीं खुल रहा है। रेल प्रशासन शाम सात बजे ही मार्ग पर लगे लोहे के गेट को बंद कर उसमें ताला जड़ देता है। यह दूसरे दिन सुबह सात बजे के बाद खुलता है। हालांकि प्रशासन मार्ग बंद करने की वजह मरीजों को राहत देना बता रहा है। असली वजह अफसरों को राहत देना है। वाहनों के शोर से वे प्रभावित होंगे। जबकि इस मार्ग के बंद होने से आम जनता को परेशानी हो रही है। लेकिन रेलवे को यह नजर नहीं आती। रेलवे केंद्रीय अस्पताल जाने वाली इस सड़क में रेलवे ने पहले कभी इस तरह की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन कोरोना संक्रमण की शुरुआती समय जब इस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया, उस समय मार्ग इसलिए बंद कर दिया गया, ताकि संक्रमण न फैले और संक्रमितों को व्यवस्थित अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।
उस समय स्थिति भयावह थी। लोग घर से बाहर निकलने से कतराते थे। इसलिए किसी को इस मार्ग के बंद होने पर आपत्ति नहीं थी। लेकिन अब जब स्थिति सामान्य हो गई है। उसके बाद भी रेलवे इस मार्ग को खोलने के पक्ष में नहीं था। इसे लेकर धरना-प्रदर्शन यहां तक आंदोलन भी हुआ। इतना ही नहीं महापौर रामशरण यादव ने डीआरएम को इस मार्ग के बंद होने से आ रही दिक्कतों से अवगत कराया। इस पर डीआरएम ने रास्ता खोलने के निर्देश दिए। कुछ दिन तक मार्ग से पहले की तरह आवाजाही हो रही थी। लेकिन अचानक शाम सात बजे ही मार्ग को बंद कर दिया जा रहा है। इसे लेकर एक बार फिर से आक्रोश बढ़ने लगा है। आए दिन रेलकर्मी जो गेट पर ताला लगाता है उसके साथ बहस होती है।
हालांकि कर्मचारी अधिकारियों के निर्देश मानने की बात कहकर ताला लगाने के बाद चला जाता है। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक मार्ग बंद करने के पीछे रेलवे ने मरीजों को राहत देना बता रही है। जबकि मरीजों की आड़ में अधिकारियों को राहत दी जा रही है। अस्पताल और यह मार्ग बरसों से है। यदि इस मार्ग की आवाजाही से मरीजों को परेशानी थी। इसके रेलवे को बहुत पहले बंद कर देनी चाहिए, अचानक इस निर्णय ने आम लोगों की दिक्कत बढ़ा दी है।
हो सकती है दुर्घटना
इस मार्ग के खुलने की जानकारी लगभग सभी को है। इसलिए जिन्हें जरूरी काम से जाना होता है वे इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं। लेकिन उनमें से अधिकांश को यह नहीं मालूम होता है कि शाम सात बजे मार्ग बंद हो जाता है। अंजाने में बंद के समय वाहन लेकर गुजरने वाले किसी दिन भी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। वहां भी रात में रोशनी की व्यवस्था तक रेलवे ने नहीं की है।
रेलवे केंद्रीय अस्पताल मार्ग को बंद रखा जाता है। इसकी वजह मरीजों को राहत देना है। मार्ग खुले रहने से वाहनों की आवाजाही होती है। इससे शोर होता है। इसके चलते मरीजों को दिक्कत हो रही थी।
साकेत रंजन
सीपीआरओ, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन