Sericulture in Bilaspur: कोसा रेशम निर्माण में बिलासपुर टाप पर, अग्रणी जिले में नाम हुआ शामिल
Sericulture in Bilaspur: पांच वर्षों में तीन करोड़ 26 लाख 11 हजार की राशि हितग्राहियों के बैंक खाते में जमा हुआ।
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Mon, 20 Sep 2021 07:00:00 AM (IST)
Updated Date: Mon, 20 Sep 2021 11:40:43 PM (IST)

बिलासपुर। Sericulture in Bilaspur: कोसा रेशम निर्माण में बिलासपुर जिला प्रदेश में टाप पर है। राज्य शासन ने अग्रणी जिला में नाम शामिल कर लिया है। जिले में बीते पांच वर्ष के दौरान बीते पांच वर्षों में दो करोड़ 19 लाख 95 हजार से अधिक कोसा फल का उत्पादन कर तीन करोड़ 26 लाख 11 हजार से अधिक की राशि हितग्राहियों का वितरित की गई।
जिले में रेशम विकास की गतिविधियों से बीते पांच वर्षों में अनुसूचित वर्ग के 148, जनजाति वर्ग के 176, अन्य वर्ग के 508 तथा 434 महिला हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। यहां तसर ककून उत्पादन मुख्य रूप से किया जाता है। रेशम विकास कार्य गतिविधियों से ग्रामीण एवं वन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। रेशम के उत्पादन क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों को हुनरमंद बनाया जा रहा है। जिससे उनकी आय भी हो रही है। रेशम उत्पादन के लिए पौधारोपण, कोसा उत्पादन व धागा उत्पादन से जुड़े लोग पूर्ण रूप से गांव में निवासरत हैं।
जिले में वर्तमान में तसर सेक्टर में 250 हेक्टेयर तसर प्लांटेशन किया गया है। इसका लगभग 500 रेशम कीट पालनकर्ता उपयोग करते हैं। वर्तमान में 23 सेरीकल्चर किसान समूह ककून उत्पादन में लगे हुए हैं। ककून से तसर कोसा उत्पादन के लिए 15 महिला स्व सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया गया है तथा लाभान्वित हितग्राहियों को 165 रीलिंग और मशीनें प्रदान की गई है। महिला कैदियों को भी उनके कौशल विकास के लिए तसर प्रशिक्षण प्रदान कर 100 रीलिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। जिले में संचालित 20 रेशम केंद्रों में कोसा उत्पादन एवं फार्म संधारण कार्य में 372 हितग्राही श्रमिक कार्य कर रहे हैं।