बिलासपुर(निप्र)। तखतपुर के ग्राम पेंडारी में नसबंदी शिविर के बाद महिलाओं की मौत प्रारंभिक जांच में सेप्टिसेमिया(संक्रमण) से होने का दावा किया जा रहा है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी कर रहे हैं। यही नहीं संक्रमित औजार से ऑपरेशन करने की भी आशंका जाहिर की जा रही है।
पेंडारी के नेमीचंद कैंसर हॉस्पिटल में नसबंदी शिविर के बाद 11 महिलाओं की मौत और 72 महिलाओं के बीमार होने पर राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि इसके लिए स्थानीय स्तर पर की गई व्यवस्था को जिम्मेदार माना जा रहा है। बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी।
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से प्रारंभिक रिपोर्ट भी ले ली गई है। इसमें मौत के कारणों का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अमर सिंह ठाकुर का कहना है कि प्रथम दृष्या मौत का कारण सेप्टिसेमिया(संक्रमण) ही लगा रहा है। अब संक्रमण फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इसकी वजह औजार का विसंक्रमित नहीं होना भी हो सकता है।
ऐसे में ऑपरेशन से शरीर के अंदर घाव के माध्यम से संक्रमण होने की स्थिति रहती है। यही नहीं मरीज का ब्लड प्रेशर भी डाउन हो जाता है और उसकी जान जाने में समय नहीं लगता है। मालूम हो कि ऑपरेशन के पूर्व संबंधित सभी औजारों को विसंक्रमित किया जाता है। इसके लिए अलग यूनिट होती है, लेकिन नेमीचंद जैन कैंसर हॉस्पिटल में इसके लिए अलग से कोई भी व्यवस्था नहीं थी।
दवा और इंजेक्शन की भी हो रही जांच
नसबंदी शिविर के लिए तखतपुर विकासखंड को मेडिकल कारर्पोरेशन से एंटोबायोटिक सिप्रोफ्लाक्सिन, दर्द निवारक दवा ब्रूफेन और इंजेक्शन की सप्लाई हुई थी। इंजेक्शन में एक्सपायरी डेट ही नहीं लिखा हुआ है। इसे लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जांच टीम ने इंजेक्शन, दवा, लेप्रोस्कोप आदि को जब्त कर लिया है।
सेंपल जब्त कर जांच के लिए भेजा राजधानी
नेमीचंद जैन कैंसर हॉस्पिटल में जानलेवा बैक्टिरिया होने की भी आशंका जताई जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ही जांच टीम ने रक्त सेंपल लेकर जांच के लिए राजधानी भेज दिया है। इसकी पुष्टि तखतपुर विकासखंड के बीएमओ डॉ. प्रमोद तिवारी ने की है।
शिविर का ऑपरेशन थिएटर था संक्रमित
पेंडारी के नेमीचंद जैन अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर ने नसबंदी कराने घर से हंसी खुशी आने वाली महिलाओं की मौत की कहानी लिख दी। नसबंदी के बाद महिलाओं की कुछ घंटों के बाद लगातार हो रही मौतों के बाद चार सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने जब अस्पताल का जायजा लिया तो संक्रमित ऑपरेशन थिएटर की पोल खुल गई।
राज्य शासन ने स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. आरके शाहनी, डॉ. अलका गुप्ता, डॉ. अमर सिंह, डॉ. झंवर को जांच टीम में शामिल किया। टीम सुबह ही ग्राम पेंडरी स्थित नेमीचंद जैन हॉस्पिटल पहुंच गई। यहां शिविर स्थल के लिए तैयार किए गए ऑपरेशन थिएटर को देखकर टीम हैरान रह गई। ओटी में भारी गंदगी पसरी थी। इसके कारण ही संक्रमण फैला है, जबकि चिकित्सा के क्षेत्र में परिवार नियोजन के तहत किए जाने वाले नसबंदी ऑपरेशन को सबसे छोटा और काफी सुरक्षित माना जाता है। माइनर ऑपरेशन के रूप में इसकी पहचान होती है। यही कारण है कि सरकारी शिविरों में ग्रामीण महिलाएं बेखौफ ऑपरेशन करवाने पहुंच जाती हैं। इसी भरोसे ने बेकसूर 11 महिलाओं की जान ले ली। प्रारंभिक जांच के बाद यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि नसबंदी शिविर के लिए जिस अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर का उपयोग किया गया था, वह पूरी तरह से संक्रमित था। ऑपरेशन के पूर्व शल्य कक्ष का जो उपचार होना था, वह नहीं किया गया था। संक्रमित शल्य कक्ष के अलावा सर्जन डॉ. आरके गुप्ता ने ऑपरेशन करने के लिए पूरी तरह संक्रमित चिकित्सकीय उपकरणों का उपयोग किया था।
राजधानी से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को फरमान
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नसबंदी शिविर आयोजन के दौरान और भी ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। ऐसी घटना दोबारा न होने पाए, इसके लिए सीएम डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के राजधानी रायपुर से लेकर विकासखंड स्तर तक के समस्त अधिकारी-कर्मचारियों को सचेत कर दिया है।
इस हालत में पहुंचे थे मरीज
नसबंदी शिविर में प्रथम दृष्टया लापरवाही से संक्रमण से सभी मरीजों को लो ब्लड प्रेशर, क्रिएटेनिन की अल्पता-न्यूनतता, यूरिनल इंफेक्शन से लंग्स और कार्डियक एक्टिविटी और मेटाबल्जिम में अनियमितता से गंभीर अवस्था में लाया गया था।
नसबंदी कराने वाली महिलाओं की लगातार मौतों के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की जांच में यह बात सामने आई है कि पेंडारी स्थित अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर और सर्जरी के लिए उपयोग में लाए गए उपकरण संक्रमित थे। ऑपरेशन के पूर्व इसका उचित उपचार नहीं किया गया था। बहरहाल इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बना दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमर अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन
निलंबित अफसर को सौंप दी जांच की जवाबदारी
इसके पूर्व नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही के मामले की जांच की जिम्मेदारी ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. केसी उरांव को सौंपी गई थी। उन्होंने भी मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाया था, जबकि उन्हें मुख्यमंत्री ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
ऑपरेशन थिएटर सील
जांच टीम ने दवा, इंजेक्शन आदि के सेंपल जब्त कर नेमीचंद जैन कैंसर हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को सील कर दिया गया है। हालांकि इसके पूर्व सोमवार रात कोटा एसडीएम फरिहा आलम सिद्दिकी ने शिविर स्थल को सील कर दिया था। मंगलवार सुबह कलेक्टर सिद्घार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सील खुलवा कर मौके का जायजा लिया। साथ ही गंदगी देखकर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद ऑपरेशन थिएटर में ताला जड़ दिया गया था।
सुरक्षा बल तैनात
नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही को लेकर तखतपुर विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में भारी आक्रोश है। इसके अलावा मामले ने राजनीति मोड़ ले लिया है। इसे ध्यान में रखते शिविर स्थल पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जहां पर वर्तमान में नागरिकों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
बयान के लिए लगी कतार
शिविर स्थल पर जांच अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बुलाया लिया था। इसके बाद एक-एक कर सभी के बयान दर्ज किए गए। इसमें ऑपरेशन थिएटर की तैयारी, औजार की व्यवस्था, साफ-सफाई आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी ली गई है।
डॉक्टरों की टीम ने किया पीएम, कराई गई वीडियोग्राफी
नसबंदी शिविर के बाद मृत रंजीता बाई, चंद्रकली साहू, सुनीता बाई, फुल बाई व नेम बाई का शव मंगलवार को सिम्स के मरच्युरी में शिफ्ट किया गया था। इसे ध्यान में रखते हुए पहले से ही पोस्टमार्टम की व्यवस्था कर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने मेमो में डॉक्टरों की टीम और वीडियोग्राफी का जिक्र नहीं किया था। इसके कारण पोस्टमार्टम में देर हो गई। हालांकि तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरों की टीम बनी। सिम्स में डॉ. प्रवीण टाडे, डॉ. मीना आर्मो, डॉ. एनके चौधरी, डॉ. सुनील पेंद्रो, डॉ. एस महाजन आदि शामिल थे। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसके अलावा जिला अस्पताल में रेखा निर्मलकर और दीप्ति यादव के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम ने किया।