बिलासपुर। आज शनि अमावस्या है। 30 साल बाद यह अनूठा संयोग बना है। बिलासपुर के चिल्हाटी में सुबह से भक्त शनिदेव की पूजा में विलीन है। राजकिशोर नगर,तेलीपारा और रतनपुर भक्त बाबा स्थित शनि मंदिर में भक्त तेल चढ़ाने पहुंच रहे हैं। ज्योतिषाचार्य एवं कालयजी मंदिर के पुजारी पंडित मनोज तिवारी के मुताबिक एक दिन पहले शनि का राशि परिवर्तन हुआ है।
30 साल बाद ऐसा संयोग बना है। हिंदू धर्म में शनि अमावस्या का विशेष महत्व होता है। शनि अमावस्या का संयोग तब बनता है, जब शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस दिन शनि देव के उपाय करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनि अमावस्या को लेकर पहले ही भक्तों तैयारी में जुट गए थे। मंदिर समिति द्वारा भी भक्तों को मोबाइल व अन्य प्रचार के माध्यम से अवगत कराया गया था। भक्तों के दर्शन के लिए भी गर्मी में खास प्रबंध किए गए हैं।
पंडित तिवारी ने शनिदेव की पूजा के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए हैं। भगवान शनि देव न्याय के देवता है। इसलिए उनकी पूजन विधि अन्य देवताओं से थोड़ी अलग होती है। यही कारण है कि भक्त आज सुबह से जल्दी उठकर शनिदेव की पूजा में लीन हो गए हैं। भक्तों को चाहिए कि आज शनि मंदिर में जा कर सेवा करें। इस दिन काले कुत्तों को ब्रैड बिस्कुट, रोटी खिलाएं। अगर कोई बीमार हो तो उसका इलाज करवाए। जो भी कर्म करें उसमें सुधार करें। शनिदेव महाराज कर्मों के देवता है इसलिए अच्छे कर्म करें।
अच्छे बुरे कर्मों का फल शनिदेव देते हैं। शाम को मंदिरों में और भी भीड़ होगी। शनि अमावस्या के दिन किसी भी चीज के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने को किसी गरीब को दान देने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है। है। इस दिन खुद काले रंग का परहेज करें। इससे घर में खुशहाली आती है।
काली मंदिर में सुबह से भीड़
रेलवे परिक्षेत्र स्थित कालीबाड़ी में मां काली मंदिर है। इसी प्रांगण में भगवान शनिदेव भी विराजमान है। भक्त सुबह से यहां पूजा अर्चना करने पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला देर शाम रात तक चलेगा।