
बिलासपुर। जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर अब कम ट्रेनें आतीं है। वहीं चार ट्रेनों का अब उसलापुर स्टेशन में स्टापेज कर दिया गया है। इसके चलते बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर संचालित स्टाल के संचालक चिंतित है। उन्होंने अपनी पीड़ा रेल प्रशासन के समझ रखकर गुहार लगाई है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का सबसे प्रमुख स्टेशन बिलासपुर है। जोनल मुख्यालय का स्टेशन होने के कारण यहां चारों दिशा की ट्रेनें पहुंचती है। किसी भी स्टेशन का सबसे प्रमुख प्लेटफार्म एक होता है। दरअसल इसी में रेलवे के सभी विभागों कार्यालय, पूछताछ केंद्र के अलावा स्टाल और बड़ी फूड यूनिट की सुविधा होती है।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन में भी यहीं व्यवस्था है। लेकिन, रेल प्रशासन ने यहां ट्रेनों का दबाव कम करने के लिए पहले चार ट्रेन जम्मूतवी एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों को ठहराव बन्द कर दिया है। ये ट्रेनें अब बिलासपुर की जगह उसलापुर स्टेशन में रुकती है। इसके अतिरिक्त कुछ ट्रेनों का प्लेटफार्म भी बदल दिया गया।
पहले तो यहीं समझा गया कि यह रेलवे के बेहतर व्यवस्था है। लेकिन, ऐसा नहीं है। अब इस प्लेटफार्म में अधिकांश मालगाड़ी ठहरती है। जिसे देखकर यात्री बेहद नाराज होते है। अब तो इसका प्रभाव स्टाल संचालकों पर पड़ने लगा है। उनकी बिक्री कम हो गई है। हालात यह है कि लाइसेंस फीस तक जमा करने लायक राजस्व प्राप्त नहीं होता। एक समय था जब 29 से अधिक ट्रेनों का ठहराव दिया जाता था।
अब इसमें भी मालगाड़ी दौड़ने लगी है। मालगाड़ी का प्लेटफार्म पर दबाव लगातार बढ़ते ही जा रहा है। यह भी होता है, जब प्लेटफार्म पर खड़ी मालगाड़ी के लिए कोचिंग ट्रेनों को आउटर पर रोक दिया जाता है। प्लेटफार्म नंबर एक पर संचालित स्टाल संचालकों ने मंडल कार्यालय में एक पत्र दिया है।
उसमें जिक्र है कि यदि प्लेटफार्म नंबर एक पर गाड़ियों का स्टापेज जल्द नहीं दिया जाता तो वे लाइसेंस शुल्क पटाने में असमर्थ रहेंगे। संचालकों की मानें तो यात्रियों की कमी के चलते उनका लाइसेंस का शुल्क तक नहीं निकाल पा रहा हैं। जिसके चलते उन्हें नुकसान हो रहा है।