Railway News: रेलवे अस्पताल में चार माह बाद अचानक पंजीयन, हुई अव्यवस्था
Railway News: रेलवे केंद्रीय अस्पताल में चार माह बाद मरीजों का पंजीयन कराने की व्यवस्था से फिर से शुरू कर दी गई है।
By anil.kurrey
Edited By: anil.kurrey
Publish Date: Fri, 18 Dec 2020 08:00:00 AM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Dec 2020 08:00:18 AM (IST)

बिलासपुर। Railway News: रेलवे केंद्रीय अस्पताल में चार माह बाद मरीजों का पंजीयन कराने की व्यवस्था से फिर से शुरू कर दी गई है। इससे अव्यवस्था हुई। इसके साथ ही काउंटर में सभी मरीजों में खड़े होने के कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। अन्य बीमारियों से पीड़त कर्मचारी डरे- सहमे नजर आए। रेलवे अस्पताल में इलाज की यह व्यवस्था है कि डाक्टर को दिखाने से पहले पंजीयन करना पड़ता है।
इसके बाद पर्ची मिलती है। जिसे लेकर संबंधित डाक्टर के पास जाना पड़ता है। यह व्यवस्था कोरोना के बाद भी दी। यूनियन की ओर से दबाव बनाने पर पंजीयन की व्यवस्था बंद कर दी गई। करीब चार महीने से रेलवे के कर्मचारी सीधे मेडिकल कार्ड लेकर जिन डाक्टरों को दिखाना होता था वहां जा रहे थे। यह व्यवस्था सुरक्षित होने के साथ सुविधाजनक भी थी, लेकिन गुरुवार को अचानक फिर से पंजीयन कराने के निर्देश जारी कर दिए गए।
इसके चलते अलग-अलग बीमारी से पीड़ित एक ही जगह कतार में खड़े नजर आए। इसमें सर्दी, खांसी व बुखार के भी मरीज थे। जबकि यह कोरोना का लक्षण है। इसे लेकर अन्य बीमार कर्मचारी भयभीत नजर आए। कुछ ने तो अलग-अलग पंजीयन की मांग भी की। लेकिन इसका अस्पताल प्रबंधन पर असर नहीं हुआ।
मालूम हो कि यह रेलवे का केंद्रीय अस्पताल है। इलाज कराने के लिए तीनों रेल मंडल बिलासपुर, रायपुर व नागपुर के अलावा जोन कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी पहुंचते हैं। दोनों पाली में प्रतिदिन 700 से 800 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। कोरोना से पहले पंजीयन की यह व्यवस्था सही थी। लेकिन अभी की स्थिति में यह खतरनाक है। यदि कोई कोरोना संक्रमित हुआ तो दूसरे भी प्रभावित हो सकते हैं।