बिलासपुर। साल का अंतिम खंडग्रास सूर्य 26 दिसंबर को होगा। इससे पहले बुधवार की रात आठ बजे से सूतक लग गया। इसके साथ ही मंदिरों के कपाट 15 घंटे 15 मिनट के लिए बंद हो गए। हिंदू मान्यता के अनुसार इस दौरान मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित रहेगा। सूतक काल के दौरान वृद्ध, रोगी, बालक व गर्भवती महिलाओं को छोड़कर भोजन वर्जित है। इससे बचने भोजन में तुलसी पत्र व सूखे भोजन में दर्भा डाल देना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में ग्रहण सुबह 8.15 पर होगा। वहीं 11.15 को मोक्ष प्राप्त होगा। ग्रहण व मोक्ष मूल नक्षत्र व धनु राशि में हो रहा है। जलाराम मंदिर के पूजारी पं. ब्रह्मदत्त मिश्रा ने बताया कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले बुधवार रात आठ बजे से सूतक शुरू हो गया है, जो 26 दिसंबर की सुबह 11.15 बजे तक रहेगा।
दक्षिण भारत में कंकणाकृति सूर्यग्रहण दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण को लेकर पांच मिनट पहले कुछ जगहों में प्रारंभ व समाप्ति को लेकर चर्चा है। बिलासपुर में यह नग्न आंखों से दिखाई तो नहीं देगा। हालांकि उचित उपकरणों से देखा जा सकता है। अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून 2020 को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा। देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा।
बिलासपुर में सूर्य ग्रहण व सूतक
ग्रहण काल प्रारंभ- सुबह 8.15
ग्रहण समाप्ति काल- सुबह 11.15
खंडग्रास की अवधि- तीन घंटे
सूतक प्रारंभ- बुधवार रात आठ बजे से शुरू
सूतक समाप्त- गुरुवार सुबह 11.15 बजे तक
आंखें हो सकती हैं खराबः प्रो.चंद्राकर
सीएमडी पीजी महाविद्यालय में भूगोल विभाग के एचओडी डॉ. पीएल चंद्राकर ने बताया कि किसी भी सूर्य ग्रहण को आंखों से सीधे देखने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है। तथा सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढंक जाता है। सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है। गुरुवार का सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप और गुआम में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण के वक्त क्या करें
- ग्रहण काल में शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए।
- खाना-पीना, शोर नहीं मचाना चाहिए।
- रामायण, सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
- सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान कर शुद्घीकरण कर लेना चाहिए।
- सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल दें।
- सूतक लगते ही घर व मंदिर के कपाट को बंद कर देना चाहिए। दान पुण्य करना चाहिए।
धनु, कन्या व वृष राशि वाले करें उपायः पं.शर्मा
शिव मंदिर शंकरनगर के पुजारी पं. वासुदेव शर्मा का कहना है कि प्रायः ग्रहण का प्रभाव सभी के अशुभकारी ही होता है। फिर भी यह सूर्यग्रहण धनु, कन्या एवं वृष राशि के लिए विशेष अशुभकारी रहेगा। इस राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरूरत है अन्यथा संकट का सामना करना पड़ेगा। इन सभी जातकों के लिए अपने-अपने ईष्ट की आराधना राहत देने वाली होगी। इस ग्रहण का न्यूनतम प्रभाव कर्क, तुला और कुंभ राशि पर पड़ेगा।