बिलासपुर।Bilaspur News: तीन साल पहले 18 सितंबर 2018 को पुलिस द्वारा कांग्रेस भवन में घुसकर किए गए लाठीचार्ज, मारपीट की घटना और गिरफ्तारी को लेकर अभी भी जांच चल रही है। तीन साल बीत जाने के बावजूद अभी तक जांच में फैसला नहीं आया है।
इसे लेकर शहर में लोग टिप्पणी करने लगे हैं की कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद कांग्रेसियों और नेताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में इतनी धीमी गति से जांच का होना अचरज की बात है। आज कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष जावेद मेमन, पूर्व पार्षद पंचराम सूर्यवंशी, वीरेंद्र साहू और संदीप बाजपाई के बयान का प्रतिपरीक्षण हुआ। एक अन्य भरत जुरयानी उपस्थित नहीं हुए।
शुक्रवार को प्रतिपरीक्षण के दौरान जांच अधिकारी की अदालत में जावेद मेमन तथा पंचराम सूर्यवंशी ने बताया कि पुलिस द्वारा 18 सितंबर को 2018 को कांग्रेस भवन में बलपूर्वक घुसकर मारपीट करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोनी थाना ले जाया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों के साथ किसी प्रकार की अभद्रता नहीं की गई ।
जावेद मेमन तथा पंचराम सूर्यवंशी ने बताया कि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के कचरा वाले बयान पर कांग्रेसी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। राजेंद्र नगर चौक में कांग्रेसजनों को पुलिस ने रोक लिया था और वे वहीं से बाहर ही कचरा फेंक कर राजेंद्र नगर से वापस आ गए थे। जावेद मेमन ने कहा कि पूर्व मंत्री के घर में किसी ने कचरा नहीं फेंका। यदि ऐसा था तो पुलिस ने हमें राजेंद्र नगर चौक में ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया।
दो घंटे बाद कांग्रेस भवन में पुलिस ने जबरिया घुसकर मारपीट करते हुए कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर कोनी थाना ले जाया गया। पंचराम ने यह भी कहा कि राजेंद्र नगर चौक में पुलिस ने हमें रोक लिया, जबकि हम सांकेतिक धरना आंदोलन कर रहे थे।
लेकिन पुलिस ने कांग्रेस भवन में कुछ कर बल का प्रयोग किया और बलपूर्वक मारपीट की जिसमें कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव,अभय नारायण राय, जावेद मेमन सहित कई लोगों को लाठीचार्ज में चोेटें आई। दूसरे पक्ष के वकीलों ने प्रतिपरीक्षण में पूछा कि नीरज चंद्राकर तथा पुलिस कर्मचारियों हरनारायण पाठक को कैसे जानते हो।
तब पंचराम सूर्यवंशी तथा जावेद मेमन ने बताया कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र उनके वार्ड में आता है। इसलिए वे अनेक पुलिसकर्मियों को जानते हैं। शुक्रवार को चार गवाहों के बयान का प्रतिपरीक्षण हुआ।