बिलासपुर। जंगल मितान कल्याण समिति शिवतराई ने आर्ट आफ लिविंग के सदस्यों को प्रकृति से रूबरू कराया गया। साथ वन्य जीव जंतु के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। जंगल के पेड़ पौधों के बारे में बारीकी से बताया गया। जंगल मितान कल्याण समिति शिवतराई द्वारा समय-समय पर पर्यावरण एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में 30-31 मई को आर्ट आफ लिविंग के सदस्यों के लिए प्रकृति की आवाज का आयोजन किया गया था। समिति के अध्यक्ष अखिलेश चंद्रदीप बाजपाई ने बताया कि वर्तमान में युवाओं का सकारात्मक रुझान पर्यावरण के लिए हैं।
प्रकृति को आवाज में सांयकालीन और सुबह प्रकृति की अपनी एक आवाज होती है, एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए पर्यावरण प्रेमी सीधे विभिन्न प्रकार के वनस्पति जंगल के जीव जंतु से रूबरू हो पाते हैं। ट्रैकिंग के दौरान उपस्थित लोगों की जिज्ञासा और विभिन्न प्रकार के सवालों के जवाब उन्हें मिल जाते हैं।
सांयकालीन जंगल ट्रैक एक शानदार अनुभव रहा जिसमे कि आर्ट आफ लिविंग के बाल प्रतिभागी और उनके साथ उनके शिक्षकों ने आनंद उठाया। बाजपेयी ने आगे बताया कि प्रकृति, आसान हो जाता है। पर्यावरणविद विवेक जोगलेकर के मार्गदर्शन में ट्रैकिंग में आने वाले सभी लोगों को पर्यावरण को समझना और भी आसान हो जाता है।
शहर की प्राचीन धरोहरों के बारे में दी जानकारी
बीते सोमवार को शहर की ऐतिहासिक धरोहर के बारे में जानकारी दी गई। विट्ठल रखुमाई मंदिर से आरंभ किया गया मराठी भाषिकों में विठोबा और रखुमाई अत्यंत सम्मानीय श्रद्धा एवं पूजनीय देवता है। कोनहेर गार्डन के सामने स्थित गोवर्धन परिवार के परिवार के इस निजी मंदिर की स्थापना सन 1909 में परिवार के गुरु के मार्गदर्शन में की गई । मंदिर की ऐतिहासिकता की जानकारी शैलेंद्र गोवर्धन और विद्या गोवर्धन द्बारा आगंतुकों को दी गई। वहां कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं, मंदिर निर्माण की बारीकियों से भी इन्होंने अवगत कराया। इसके बाद तिलक नगर के राम मंदिर में भगवान के दर्शन किए गए।