बिलासपुर। Bilaspur News: नूतन चौक स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी बनकर तैयार हो चुकी है। यहां पर डिजिटल लाइब्रेरी में 20 हजार पुस्तक का संग्रह है। वही सामान्य लाइब्रेरी में पांच हजार पुस्तकों का संग्रहा रखा गया है। साफ है कि सामान्य लाइब्रेरी में पुस्तकें कम है। ऐसे में अब पुस्तकों की संख्या बढाने के लिए नगर निगम प्रबंधन ने नई युक्ति अपनाई है। लाइब्रेरी के उद्वघाटन के बाद पुस्तकों की संख्या बढाने के लिए दान में पुस्तक लिए जाएंगे। यदि कोई भी अपनी पुस्तकें दान में करेगा, उसका नाम सेंट्रल लाइब्रेरी को आने बढाने के रूप में दर्ज किया जाएगा। इससे लाइब्रेरी में पुस्तकों की संख्या बढने के साथ विस्तार भी होगा और शहरवासियों को ज्यादा ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढने का मौका मिलेगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत साढे पांच करोड की लागत से सेंट्रल लाइब्रेरी का निर्माण करवाया गया है। जिसे हर तरह से सुविधा युक्त बनाया गया है। यहां पर बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक के पढने के लिए विश्वभर की ज्ञानवर्धक पुस्तकों का संग्रहा रखा जाना है। ऐसे लोग जो पूरी तरह से डिजिटल नहीं हो सके और उन्हें पुस्तक पढने का शौक है, वैसे लोगोें के लिए पांच हजार पुस्तक का संग्रहा रखा गया है। लेकिन एक बडे लाइब्रेरी के हिसाब से पांच हजार पुस्तकों को कम मानकर चला जा रहा है। ऐसे में इन पुस्तकों की संख्या बढाने के लिए निगम ने नई युक्ति अपनाई है। निगम प्रबंधन ने शहर के लोगों से दान में पुस्तक देने की पेशकेस करेगी, इसके माध्यम से लोग अपनी पुरानी संग्रहित पुस्तकों को दान में दे सकेंगे। इसके एवज में दान करने वालों का नाम सेंट्रल लाइबेरी की रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा और लाइब्रेरी को आगे बढाने में उनके योगदान का उल्लेख किया जाएगा। यह युक्ति तो अपनाई जा रही है लेकिन यह कितना काम करेगा यह आने वाला समय ही बताएगा।
पूरे विश्व की प्रमुख पुस्तक रखने का लक्ष्य
सेंट्रल लाइब्रेरी शहर वासियों के लिए एक बडी सौगात है। वही अब निगम की परिकल्पना है कि इसे आने वाले समय में एक बडे लाइब्रेरी का दर्जा देश में मिले। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पुस्तकें रखने की आवश्यकता है। निगम प्रबंधन इसमे पूरे विश्वभर की नामी लेखकों की पुस्तकों का स्ग्रहा रखने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में यदि कोई लाइब्रेरी पहुंचे तो वह जो जानकारी लेना आया है उसे पुस्तकों के माध्यम से मिल सके।