जिनकी सतर्कता से टला हादसा, उन्हें रेलवे ने किया सम्मानित
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के पांच कर्मचारियों की सतर्कता की वजह से एक बाद एक चार दुर्घटनाएं टल गईं। आज इन्हीं कर्मचारियों को जोन की मुखिया महाप्रबंधक नीनु इटियेरा ने सम्मान देकर हौसला बढ़ाया। कर्मचारी भी यह सम्मान पाकर गदगद हो गए।
Publish Date: Wed, 04 Sep 2024 10:16:19 AM (IST)
Updated Date: Wed, 04 Sep 2024 10:16:19 AM (IST)
महाप्रबंधक नीनु इटियेरा के साथ सम्मानित होने वाले रेलकर्मी।HighLights
- महाप्रबंधक नीनु इटियेरा के हाथों मिला सम्मान
- कर्मचारी भी यह सम्मान पाकर गदगद हो गए
- हर माह होता है रेल संरक्षा के कर्मचारियों का सम्मान
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: सजगता एवं बेहतर संरक्षा कार्य में सहभागिता निभाने वाले रेल संरक्षा के कर्मचारियों का सम्मान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में हर माह आयोजित संरक्षा बैठक में किया जाता है। इसी के तहत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कार्यरत संरक्षा श्रेणी के पांच कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के निष्पादन के लिए महाप्रबंधक नीनु इटियेरा ने सम्मानित किया।
सम्मानित होने वाले कर्मचारियों में नागपुर रेल मंडल के नैनपुर में पदस्थ लोको पायलट उमेश श्रीवास्तव व सहायक लोको पायलट शिरीष कुमार कोष्टा शामिल हैं। उन्होंने 18 अगस्त को 05706 नैनपुर-जबलपुर पैसेंजर में ड्यूटी के दौरान कछपुरा होम सिग्नल के पास देखा कि किलोमीटर 983/7 के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे के पांच से सात सरिए जंजीर से बांधकर रेलवे ट्रैक के दोनों पटरी पर रखे हुए हैं। इस स्थिति मे उन्होंने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी और नीचे उतर कर देखा तो सभी सरिया इंजन में फंसे हुए थे। उन्हें सावधानीपूर्वक खींचकर बाहर निकाला और ट्रैक को सुरक्षित किया। साथ ही लोको पायलट ने कर्षण लोको नियंत्रक, स्टेशन मास्टर व संबंधित मुख्य लोको निरिक्षक को सूचना दी। सुधार के बाद ट्रेन को सुरक्षित रवाना किया गया। दोनों लोको पायलट की सजगता व सतर्कता से ट्रेन परिचालन में संरक्षा सुनिश्चित हुई।
इसी तरह ट्रैकमेंटर हरिश्चंद्र ने चार अगस्त को रेलवे ट्रैक किलोमीटर 887/23-25 के बीच देखा कि यार्ड से ट्रेन गुजरने के दौरान रेलवे ट्रैक से एक असामान्य आवाज आ रही थी और जब वहां पहुंचकर देखा तो पता चला कि रेलवे ट्रैक में वेल्ड-फ्रैक्चर था। परमालकसा के स्टेशन अधीक्षक और संबंधित विभाग को सूचना दी। इसके बाद ट्रैक की सुरक्षा की गई। 29 जुलाई को चाबीदार संतोष रामकृष्ण इंगले ने सुना कि ड्यूटी के दौरान रेलवे ट्रैक पर एक जागल्ड फिश प्लेट से असामान्य आवाज आ रही है। तुरंत जागल्ड फिश प्लेट को खोला। रेल पटरी में दरार थी।