बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। रेलवे स्टेशन के उस पार के रहवासियों की मांग पर रेल प्रशासन ने तीन सौगात दी। पहली प्रवेश की सुविधा। इससे यात्रियों को राहत मिली है। दूसरी व तीसरी सौगात यूटीएस व पार्किंग। 10 मई से शुरू हुई इस सुविधा का जिस तरह रिस्पांस मिलना चाहिए, उस तरह नहीं मिल रहा है। दरअसल यहां टिकटों की बिक्री दिनभर में पांच से सात हजार रुपये हैं। यानी दिनभर में 100 से ज्यादा जनरल टिकटें नहीं बिकतीं। इससे रेलवे को नुकसान है। इसके अलावा स्टाफ भी अतिरिक्त लग रहे हैं।
जोनल स्टेशन के दूसरे से प्रवेश की योजना रेल प्रशासन ने बनाई थी। दरअसल स्टेशन की दूसरी तरफ बड़ी आबादी है। रेलवे कालोनियां है। इसके अलावा सिरगिट्टी व आसपास गांव है। इस क्षेत्र के रहवासियों को ट्रेन से यात्रा करने के लिए अंडरब्रिज या ओवरब्रिज से घूमकर आना पड़ता था। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए रेलवे ने दूसरे छोर से प्रवेश और टिकट की सुविधा देने की योजना बनाई। रेलवे को उम्मीद थी कि इस सुविधा का बेहतर रिस्पांस मिलेगा और टिकट की बिक्री का आंकड़ा बेहतर रहेगा। पर चार महीने गुजर गए है। यहां दोनों पाली मिलाकर बामुश्किल 100 टिकट ही बिक रहे हैं।
इससे रेलवे को पांच से सात हजार रुपय राजस्व प्राप्त हो रहा है। रेलवे की आडिट टीम के द्वारा भी आपत्ति किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि यह सुविधा अब कभी बंद नहीं होगा, चाहे रेलवे को जितना नुकसान हो। यह बताया जा रहा है कि यहां टिकटों की बिक्री का ग्राफ तभी बढ़ेगा, जब रेलवे इस यूटीएस से रिजर्वेशन की सुविधा भी शुरू करेगी। लोगों को रिजर्वेशन कराने के लिए अभी जोनल स्टेशन के सामने आरक्षण केंद्र आना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि नए यूटीएस में तीन काउंटर है। जिनमें से एक में टिकटों के आरक्षण कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इससे टिकटों के बिक्री का आंकड़ा बढ़ने लगेगा। लोग भीड़भाड़ वाले आरक्षण केंद्र में जाने से बचते हैं।