बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर जोन से 200 मीटर दूरी पर एक बाघ के बच्चे की लाश मिली है। लाश चार से पांच दिन पुरानी है। इस पर वन अमले की नजर गुरुवार को पड़ी। अफसरों तक जानकारी पहुंचने के बाद बिलासपुर से लेकर रायपुर मुख्यालय तक हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वन्य प्राणी प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरसिंहा राव पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि मृत बाघ की उम्र चार से पांच महीने है। लेकिन नर है या मादा इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
शव टिंगीपुरी जाने वाली पंगडंडी में पड़ा हुआ था। जिसे वन विकास निगम के अमले ने देखा। इसकी जानकारी तत्काल निगम के डीएफओ अभिषेक जगवात को दी। इसके बाद बाघ की लाश मिलने की खबर वन विभाग में आग की तरह फैल गई। घटना बाघ से जुड़ी होने के कारण अफसर सकते में आ गए। डीएफओ कुमार निशांत घटनास्थल पर पहुंचे। घटना निगम वन क्षेत्र में भले हुई है पर बाघ टाइगर रिजर्व का ही है।
पंगडंडी में पड़ी बाघ की लाश देखकर सभी हैरान रह गए। विडंबना की बात यह है कि चार से पांच दिन लाश पड़ी रही, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे साफ जाहिर होता है कि निगम या टाइगर रिजर्व के अमले की जंगल में मौजूदगी नहीं रहती। सभी ने अपने स्तर पर जांच कर घटना की वजह जानने की कोशिश की, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। शाम को पीसीसीएफ भी पहुंच गए। उन्होंने भी जायजा लिया। इसके अलावा वन अमले पर नाराजगी भी जाहिर की। अंधेरा होने के कारण मृत बाघ का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
पीठ पर दांत के निशान, नर बाघ के मारने की आशंका
कुछ वन अफसरों ने बताया कि शव पूरी तरह सड़ चुका है। पर पीठ के हिस्से में दांत गड़ने के निशान हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इसे किसी जानवर ने ही मौत के घाट उतारा है। वह जानवर मेल टाइगर व लेपर्ड दोनों हो सकते हैं। ज्यादा आशंका मेल टाइगर की है। मृत बाघ बच्चा है और उसके साथ मादा भी थी। ब्रीडिंग के लिए मेल टाइगर अक्सर शावक को निशाना बनाते हैं। हालांकि पूरी स्थिति पोस्टमार्टम होने के बाद ही स्पष्ट होगी।
करेंट से शिकार भी हो सकती है वजह
शव जिस स्थिति में है, उससे करेंट की चपेट में आने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। वैसे भी टाइगर रिजर्व के अंदर व सीमा क्षेत्र में कई बार करेंट से वन्य प्राणियों को मौत के घाट उतारने की कई वारदात सामने आ चुकी है। हालांकि अफसर इससे इन्कार कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो इस मामले में कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
आज चार चिकित्सक करेंगे पोस्टमार्टम
अंधेरा होने के कारण गुरुवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। शुक्रवार को रायपुर जंगल सफारी के डा. राकेश वर्मा, पशु चिकित्सका विभाग के चिकित्सक व वन्य प्राणी विशेषज्ञ डा. पीके चंदन के अलावा मुंगेली जिले के दो पशु चिकित्सकों की टीम मृत बाघ का पोस्टमार्टम करेंगे। इस दौरान विसरा भी एकत्र कर जांच के लिए भेजा जाएगा।
पीसीसीएफ ने अफसरों की ली बैठक
घटनास्थल लौटने के बाद पीसीसीएफ राव ने शिवतराई में दोनों सीसीएफ, तीनों डीएफओ, एसडीओ व अन्य वन अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान घटना को लेकर नाराजगी भी जाहिर की, इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी यदि सूचना चार दिन बाद मिल रही है मतलब व्यवस्था में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।
बाघ के बच्चे की लाश मिली है। यह क्षेत्र वन विकास निगम के अंतर्गत आता है। मौत की वजह पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगी। शुक्रवार को मौके पर चिकित्सकों की टीम पोस्टमार्टम करेगी। शव की निगरानी के रात में वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
एस जगदीशन
मुख्य वनसंरक्षक वन्य प्राणी व एटीआर क्षेत्रीय संचालक