बिलासपुर। आज से लगभग 51 साल पहले भारत ने पाकिस्तान के चंगुल से बंगलादेश को आजाद कराया था। भारत के वीर सैनिकों ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के क्रूर आतताई सेना से मुक्ति दिलाने के लिए हस्तक्षेप किया। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के 90000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
भारत के सैन्य पराक्रम को सलामी देते हुए दंड के माध्यम से अपने शारीरिक सौष्ठव को परखने का अवसर होता है शौर्य दिवस। इस घटना की याद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा भारत की सेना को सलामी देते हुए हर 16 दिसंबर को दंड प्रहार दिवस मनाया जाता है। शहर में इस वर्ष परंपरागत रूप से दंड प्रहार दिवस का उत्सव मनाने के लिए स्वयं सेवकों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। कुछ दिनों पहले संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने दो बार छत्तीसगढ़ का दौरा किया। वे जशपुर और अंबिकापुर भी गए। बिलासपुर में केन्द्रीय मंत्री राम माधव का आना हुआ। संघ के इन दो बड़े अधिकारियों के आने से क्षेत्र के नए स्वयंसेवकों में संघ के3 प्रति गजब की जिज्ञासा और उत्साह देखा जा रहा है। शौर्य दिवस का यह कार्यक्रम नए स्वयंसेवकों की प्रेरणा को बढ़ाने वाला साबित होगा ऐसी उम्मीद की जा सकती है। 16 दिसंबर के आयोजन - शिवराम चौधरी के नेतृत्व में रामायण चौक शिव मंदिर शाखा में शाम पांच से छह बजे तक। संतोष शिंदे सुनील वस्त्रकार के नेतृत्व में राजकिशोर नगर सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजन। नगर शारीरिक प्रमुख रत्नेश के मार्गदर्शन प्राप्त होगा। बिलासपुर के गली मोहल्लों में से लेकर खास तैयारी भी चल रही है। स्वयंसेवक इंटरनेट माध्य्म और घर घर जाकर इस लेकर जागरूक भी कर रहे हैं।
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