Bilaspur News: बिलासपुर। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर मल्हार में मां डिडिनेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के पीछले भाग में काले रंग के संगमरमर पत्थर से निर्मित वटेश्वरनाथ महादेव है। यहां कृष्णवट अक्षयवट के वृक्ष है। जिसका धार्मिक महत्व है। जो प्रमुख आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। सावन में शिवभक्त यहां जल चढ़ाने और पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
मंदिर का इतिहास
मंदिर का निर्माण यहां पर पुलिस चौकी पूर्व मे पदस्थ एक भक्त ने कराया था जहां पर शक्ति के साथ शिवजी का आशीर्वाद मिलता है। मंदिर के जीर्णोधार को लेकर पुजारी को स्वप्न भी आया था। जिसके बाद इस मंदिर का विधि विधान से जीर्णोधार कराया गया है।
मंदिर की विशेषता
यह मंदिर चूंकि धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार विधि विधान पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित किया गया है तथा इसके पास वटवृक्ष , पिपलवृक्ष , पारिजातवृक्ष है जो शिवजी के पूजन करने हेतु आते है उनको भी इसका आशीर्वाद मिलता है। मंदिर की भव्यता ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। भक्तों को यहां अलौकिक शांति मिलती है।
बातचीत
इस मंदिर में प्रत्येक सोमवार को नगर के शिवभक्तो सहित उपवास रहने वाले स्त्री पुरुष दोनों शिवपूजन करने आते है तथा शिव के साथ शक्ति मां डीडीनेश्वरी देवी का दर्शन कर जीवन को धन्य बनाते है। सावन में विशेष महत्व है इसलिए भक्त यहां जल चढ़ाने आते है।
दुर्गेश अग्रहरि,भक्त
गांव सहित आसपास के लोग नियमित पूजा अर्चना करने एवं मनोकामनाएं मांगने आते है। महाशिवरात्रि के दिन खूब भीड़ होती है वहीं सावन माह के हर सोमवार को शिवभक्तों की भीड़ होती है। वटेश्वरनाथ महादेव के प्रति भक्तों में बड़ी आस्था है।
पं. शिवम पांडेय,पुजारी