मेले का खर्च निकालने बढ़ रहा खुड़खुड़ी का चलन
इन दिनों अंचल के गांवों में मेला व नाट का आयोजन चल रहा है। वर्षों से गांव में आयोजित होने वाले पारम्परिक मेला मड़ई अब धीरे-धीरे असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Mon, 20 May 2019 07:16:27 AM (IST)
Updated Date: Mon, 20 May 2019 07:16:27 AM (IST)
फरसगांव। नईदुनिया न्यूज
इन दिनों अंचल के गांवों में मेला व नाट का आयोजन चल रहा है। वर्षों से गांव में आयोजित होने वाले पारम्परिक मेला मड़ई अब धीरे-धीरे असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है।्रअसामाजिक गतिविधियों में सबसे उपर खुड़खुडी जुआ का नाम आने लगा है। चंद रुपयों की लालच में गांव के प्रमुख या मेला आयोजन समिति इस जुए खेल को संरक्षण देकर पूरी रात संचालित करवाती है। पूरी रात चलने वाले जुआ के बाद सुबह गांव के गरीब जनता की राशि से मेला में आमंत्रित नाटक मंडलियों को भुगतान किया जा रहा है। जुआ के विरूद्ध एक भी कार्रवाहीं नहीं होने से पुलिस की पृष्ठभूमि पर सवाल लग रहे हैं। इस खेल को खिलवाने के लिए जिला के अलग-अलग गांव से ही नहीं पड़ोसी राज्य ओडिसा से कुछ गिरोह बेखौफ होकर गांव पहुंचते है। यहां गांव वालों के गाढ़ी मेहनत की कमाई चंद मिनटों में वे लुट कर ले जाते है।