दंतेवाड़ा। जिले के कुंदेली सहित इसके आसपास के गांव कुपेर, गमावाड़ा, कुंदेली, गनेजार सहित अन्य आसपास के गांवो के लोग मित्तल कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। ग्रामीणों ने आर्सेलर मित्तल कंपनी के साथ- साथ सरकार के खिलाफ भी नारे बाजी की। जिले के कलेक्टर एसपी को भी कुंदेली में लाल मिट्टी डालने के लिए जिम्मेदार बताया। दंतेवाड़ा के कतियाररास में एकत्र होकर दुर्गा मंडप पहुंचे ग्रामीणों की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आदिवासी महासभा ने बैठक ली।
आदिवासी महासभा के जिला सचिव सूदरु कुंजाम ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि लाल मिट्टी के खिलाफ हम खून से इंकलाब लिख देंगे। कुंदेली गांव के भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह कर पहले दलालों के द्वारा जमीन की औने -पौने दाम में रजिस्ट्री करवा ली। मित्तल कंपनी से मोटी रकम लेकर उसमें लाल जहर डंप किया जा रहा है। डंप किए गए लाल मिट्टी को कंपनी वापस उठा कर ले जाए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा। सीपीआई के जिला सचिव भीमसेन मंडावी ने कहा आर्सेलर मित्तल के लाल मिट्टी से बस्तर की वन संपदा का नुकसान हो रहा है। नदी नालों में भी धीरे- धीरे कर ये लाल जहर फैलेगा जिससे उपजाऊ जमीन भी खराब हो जाएगी।
क्या है विरोध की वजह
दरअसल, किरन्दुल स्थित आर्सेलर मित्तल कंपनी के द्वारा पाइप लाइन से किरन्दुल से विशाखापटनम भेजे जाने वाले आयरन के बाद जो अवशिष्ट मिट्टी निकलती है, उसका पूरा पहाड़ किरन्दुल में तैयार हो गया है। अब कंपनी के द्वारा इस लाल मिट्टी को मसेनार, कुंदेली गांव में डलवाया जा रहा है। जिसका अब बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। दंतेवाड़ा में आज रैली में एसकेएमस सेक्रेटरी राजेश संधू, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव भीमसेन मंडावी, आदिवासी महासभा के बोमड़ा कवासी, आदिवासी महासभा के जिला सचिव सूदरु कुंजाम, जितेंद्र सोरी, बहुलोचन श्रीवास्तव साजी सहित बड़ी संख्या में आदिवासी महासभा के लोग व कम्युनिस्ट पार्टी कार्यकर्ता ग्रामीण विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
आर्सेलर मित्तल कंपनी ने भी रखा अपना पक्ष
वहीं एएम / एनएस इंडिया का कहना है कि टेलिंग्स जहरीली नहीं हैं और मानदंडों के अनुसार खतरनाक पदार्थों की श्रेणी में नहीं आती हैं। भ्रामक एवं झूठी अफवाह फैला कर कुछ लोगों के द्वारा एएम / एनएस कंपनी की छवि धूमिल करने की साज़िश की जा रही है। आर्सेलर मित्तल निपान स्टील इंडिया देश की अग्रणी स्टील निर्माता कंपनियों में से एक है। हम अपना पूरा कार्य शासकीय विभागों के नियमों एवं शर्तों का पालन करते हुए करते हैं। हम अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को भी भलीभांति समझते हैं एवं हमारे द्वारा सीएसआर मद से लगातार बस्तर के आदिवासी अंचलों में जनहितकारी कार्य किए जा रहे हैं। षड्यंत्रपूर्वक कर स्थानीय लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।
हमारी कंपनी द्वारा स्टोर किए जाने वाले मटेरियल को लाल जहर बताते हुए जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। जबकि शासकीय नियमों एवं शर्तों के हिसाब से यह किसी भी विषैले अथवा जहरीले पदार्थ की श्रेणी में नहीं पाया जाता। कंपनी से निकलने वाले टेलिंग्स पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब में परीक्षण किये जाते हैं। टेलिंग्स को लाल जहर बताकर जनता को भ्रमित करने और डराने का कार्य किया गया है। इससे कंपनी का कार्य प्रभावित हुआ है। हम अपील करते हैं कि स्थानीय कंपनी के विरुद्ध भ्रामक, झूठी एवं गलत खबरों पर भरोसा न करें।