दंतेवाड़ा। नईदुनिया प्रतिनिधि
एस्सार स्टील लिमिटेड पर अब दुनिया की जानी मानी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल का अधिकार हो जाएगा। एस्सार स्टील की छत्तीसगढ़ के किरंदुल में बेनीफिकेशन प्लांट और किरंदुल से विशाखापटनम तक स्लरी पाइपलाइन परियोजना चल रही है। जिला प्रशासन ने किरंदुल में एस्सार के स्वामित्व की भूमि के मालिकाना हक को बदलने की तैयारी भी शुरू कर दी है। किरंदुल से विशाखापटनम तक एस्सार की करीब 267 किमी की स्लरी पाइपलाइन है जिसके जरिए बैलाडीला के लौह अयस्क खदानों से निकला चूरा पानी के साथ पंप कर भेजा जाता है। वहां से यह अयस्क एस्सार के गुुजरात के हजीरा के स्टील पलांट में ैभेजा जाता है। एस्सार पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 42 हजार करोड़ का कर्ज था जिसे कंपनी नहीं चुका पा रही थी। 863 दिनों तक कर्ज का यह मामला कानूनी पेचीदगी में अटका रहा। करीब ढाई साल पहले बैंक ने एस्सार का कर्ज एनपीए में डाल दिया था और इसके बाद से एस्सार का पूरा काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियंत्रण में चल रहा था। मित्तल ने एस्सार के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई थी। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार के अधिग्रहण की अनुमति स्टील किंग कहे जाने वाले एलएन मित्तल को दी थी। सूत्र बता रहे कि मित्तल ने बैंक का कर्ज चुकाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सोमवार को कर्ज की पूरी राशि चुका दी जाएगी। इसके बाद इस परियोजना के जरिए मित्तल का बस्तर में प्रवेश हो जाएगा।
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कौन हैं मित्तल-
कलकत्ता में जन्मे और पले-बढ़े लक्ष्मी निवास मित्तल को स्टील किंग कहा जाता है। वे आर्सेलर मित्तल कंपनी के सीईओ हैं। उनके गिनती दुनिया के टॉप रईसों में होती है। वर्तमान में वे लंदन में रहते हैं। दक्षिण कोरियाई कंपनी आर्सेलर के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने के बाद वे चर्चा में आए थे। मित्तल के बस्तर प्रवेश को लेकर यहां लोगों में उत्साह है।
दुनिया दूसरी बड़ी दोहरी पाइप लाइन
दस साल तक एनएमडीसी से चली सौदेबाजी के बाद 2005 में एस्सार ने किरंदुल में बेनीफिकेशन प्लांट और स्लरी पाइप लाइन परियोजना की शुरूआत की। यह स्लरी पाइप लाइन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दोहरी पाइप लाइन कहलाती है। इस कंपनी का संपूर्ण अधिकार 16 दिसंबर से आर्सेलर मित्तल को मिल जाएगा।