
दंतेवाड़। नक्सली पांच से 11 जून तक जनपितुरी सप्ताह मना रही है। नक्सलियों के इस सप्ताह को लेकर पुलिस ने भी पहले से रणनीति तैयार कर ली है। नक्सलियों के टीसीओसी के बाद अब जनपितुरी में भी दंतेवाड़ा में नक्सलियों का दांव उल्टा पड़ सकता है।
नक्सली हर साल पांच से 11 जून तक जनपितुरी सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान वे मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों की श्रद्धांजलि सभा के बहाने गांवों में अपना संगठन मजबूत करते हैं। ग्रामीणों को एकत्र कर फोर्स पर बड़ा हमला भी करते हैं। हालांकि फोर्स अब उनकी हर चाल से वाकिफ है। उन्हें उनके ही गढ़ में मात देने की तैयारी की गई है। सभी थानों व कैंपों को अलर्ट कर आक्रामक अभियान चलाने को कहा गया है।
95 इनामी सहित 359 नक्सलियों का समर्पण
दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान के तहत लगातार नक्सली और उनके समर्थकों द्वारा आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। नक्सली टीसीओसी के दौरान भी बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण कर नक्सली घर वापसी अभियान में शामिल हो गए। लोन वर्राटू अभियान की शुरूआत पिछले वर्ष जून महीने से दंतेवाड़ा में की गई थी। इस अभियान का फायदा भी पुलिस को मिल रहा है। नक्सलियों के निचले कैडर के लगातार आत्मसमर्पण से नक्सली वारदातों में कमी आई है। जिले में अब तक 95 इनामी नक्सली सहित 359 नक्सली इस अभियान के तहत आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
नक्सलियों की पकड़ हुई कमजोर
जून 2020 से जून 2021 के बीच दंतेवाड़ा में नक्सलियों पर जवान भारी रहे। नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र पोटाली, टेटम, चिकपाल, झिरका, बारसूर, पल्ली जैसे क्षेत्र में नक्सलियों की पकड़ कमजोर हुई। इन गांवों तक सड़क बनने से क्षेत्र जवानों के कब्जे में आ गया है। नक्सली इन्हीं क्षेत्रों में अपने बंद के दौरान मीटिंग सभा करते थे अब ये क्षेत्र नक्सल मुक्त की ओर बढ़ रहे हैं। एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा है कि नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह को देखते हुए सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से डीआरजी के जवानों को जंगल में उतार दिया गया है। आरपीएफ को भी रेलवे ट्रैक पर नजर रखने कहा गया है।