दंतेवाड़ा (नईदुनिया न्यूज)। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के लौह अयस्क उत्खनन क्षेत्र आकाश नगर आने-जाने वालों की शनिवार को भारी भीड़ रही। साल में एक ही दिन विश्वकर्मा जयंती पर बचेली से 15 किलोमीटर दूर आकाशनगर जाने आम लोगों को छूट रहती है। इस साल भी यह छूट दी गई थी। आकाश नगर को दक्षिण बस्तर के इस क्षेत्र का स्वर्ग कहा जाता है।
लौह अयस्क के विपुल भंडार की यहां ऊंची पहाड़ियां हैं। विश्वकर्मा जयंती पर यहां धूमधाम से धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें शामिल होने छत्तीसगढ़ के साथ ही पड़ोसी राज्य तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा से भी लोग पहुंचते हैं।
आकाश नगर से प्रकृति का अनुपम सौंदर्य निहारना अद्भुत आनंद की अनुभूति देता है। शनिवार सुबह चार बजे से ही आकाशनगर जाने एनएमडीसी मुख्य गेट से पर वाहनों की लाइन लगना शुरू हो गई थी। चेक पोस्ट से तीन किलोमीटर दूर तक वाहनों की लाइन लगी थी। लोग निजी वाहनों के साथ ही एनएमडीसी द्वारा 12 बसों में आकाश नगर आने-जाने फ्री सेवा का लाभ लेकर आकाश नगर पहुंचे थे।
केवल चारपहिया व इससे अधिक क्षमता वाली वाहनों को भी जाने की अनुमति दी गई। दोपहिया वाहनों से आवागमन प्रतिबंधित था। बचेली के अलावा किरंदुल में भी भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। जिसमें एनएमडीसी के अधिकारी कर्मचारी व उनके स्वजन के साथ आम लोग भी शामिल हुए। दोपहर तीन बजे तक चार हजार वाहनों को आकाशनगर जाने की अनुमति दी जा चुकी थी।
हे प्रभु! स्टील प्लांट की परीक्षा की घड़ी, बेड़ा पार लगाना
नगरनार स्टील प्लांट मेें शनिवार को भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस साल अगले दो तीन माह में स्टील प्लांट का परिचालन (उत्पादन) शुरू करने की तैयारी के बीच विश्वकर्मा जयंती पर काफी धूम रही। प्लांट के हर संयंत्र क्षेत्र में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर तो चित्र लगाकर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। आयोजन में परियोजना प्रमुख प्रवीण कुमार, मुख्य महाप्रबंधक जी. प्रियदर्शिनी सहित प्लांट से सभी प्रमुख अधिकारी कर्मचारियों व श्रमिकों के साथ शामिल हुए।
नईदुनिया ने आयोजनों को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी से फोन पर चर्चा की तो उनका कहना था कि अगले चार माह का समय स्टील प्लांंट के साथ ही हम सभी (अधिकारी-कर्मचारी श्रमिक) के लिए परीक्षा की घड़ी है। इसी समय प्लांट की कमीशनिंग प्रस्तावित की गई है। करीब 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता के इस स्टील प्लांट से बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश व देश को उम्मीदें हैं। यह बस्तरवासियों के सपनों का कारखाना है। हमने भगवान विश्वकर्मा से परीक्षा की इस घड़ी को निर्विघ्न संपन्न कराने की कामना की है। प्लांट में उत्सव जैसा माहौल रहा। कुछ पैकेज में कर्मचारियों ने पूजा पाठ के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया था। प्लांट के अलावा एनएमडीसी के आवासीय क्षेत्र चोकावाड़ा में विश्वकर्मा जयंती मनाई गई।