
धमतरी। 23 मार्च से नक्सलियों का साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह शुरू हो गया है, जो 29 मार्च तक चलेगा। इसे लेकर जिला पुलिस सतर्क हो गई है।
नक्सल अतिसंवेदनशील और संवेदन क्षेत्रों में सीआरपीएफ, सीएएफ और डीआरजी जवानों ने अपनी सर्चिंग तेज कर दी है, ताकि नक्सली गतिविधियों की पता चल सके। इधर अनहोनी को लेकर राज्य की सीमा सील कर दिया गया है। वहीं जिले के सीमा क्षेत्रों पर चेकिंग बढ़ा दी गई है।
धमतरी जिले के नगरी व मगरलोड ब्लाक के करीब 220 गांव नक्सल अतिसंवेदनशील व संवेदनशील क्षेत्र अंतर्गत आता है। इन क्षेत्रों के गांवों में नक्सलियों की आवाजाही आज भी होती है, ऐसे में नक्सलियों को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत कायम है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 23 मार्च से 29 मार्च तक नक्सली साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह मनाएंगे, ऐसे में जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किसी अनहोनी की आशंका है। क्योंकि नक्सली अपने मरे हुए साथियों को याद कर सरकार का विरोध करते हैं। इस दौरान कई तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए जिला पुलिस काफी सक्रिय हो गई है।
ओडिशा सीमा क्षेत्र को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया है, ताकि इस क्षेत्र से किसी तरह की आवाजाही न हा सके। वहीं धमतरी जिले के सीमा क्षेत्रों में चेकिंग बढ़ा दी गई है, ताकि किसी तरह अनहोनी की जानकारी तत्काल हो सके। एएसपी निवेदिता पाल ने बताया कि नक्सलियों के साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह शुरू होने के बाद अनहोनी की आशंका को देखते हुए राज्य सीमा सील कर दिया गया है।
नक्सल क्षेत्रों में सर्चिंग बढ़ा दी गई है। वहीं जिले के सीमा क्षेत्रों में पुलिस अधिकारी व जवान तैनात कर सघन जांच की जा रही है ताकि कोई भी अपराध होने से पहले पकड़ में आ सके।
नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की पैनी नजर
नगरी ब्लाक अंतर्गत नक्सली अतिसंवेदनशील क्षेत्र के तहत ग्राम रिसगांव, उजरावन, खरका, मुंहकोट, आमझर, गाताबाहरा, ठोठाझरिया, फरसगांव, घोरागांव, चंदनबाहरा, फरसियां आते हैं। वहीं संवेदनशील गांवों में आमगांव, मारियामारी, बरोली, महुआबाहरा, अरसीकन्हार समेत जिले के 202 गांव नक्सल प्रभावित गांव है।
जहां नक्सलियों की आवाजाही बना रहता है। इन गांवों में सप्ताह के तहत नक्सली ग्रामीणों से संपर्क कर अपनी नक्सली विचारधारा व रीति-नीति समझाकर ग्रामीणों को जोड़ने प्रयास करते हैं। क्षेत्र में नक्सली सत्यम गावड़े, टिकेश्वर सक्रिय है।
वहीं कई तरह की घटनाओं को अंजाम देने नीति तैयार करते हैं इसलिए पुलिस इन गांवों में नजर रखी हुई है। नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के मद्देनजर बोराई, मेचका, बिरनासिल्ली में सीआरपीएफ जवानों के कैंप है। वहीं खल्लारी, बहीगांव और नगरी में सीएएफ के जवान तैनात है। इसी तरह नगरी, दुगली और बोराई में डीआरजी पुलिस जवान तैनात है।