धमतरी। गर्मी के शुरुआत में मौसम बदलने से वनांचल क्षेत्रों में महुआ फसल काफी प्रभावित हुई। महुआ के पेड़ों में पर्याप्त फल नहीं लगे, जिससे क्षेत्र के ग्रामीण पर्याप्त मात्रा में महुआ फल संग्रहित नहीं कर पा रहे। कम मात्रा में महुआ संग्रहित होने से कम आर्थिक लाभ होगा।
वनांचल क्षेत्र के ग्राम तुमराबहार, विश्रामपुरी, कुकरेल, तुमाबुजुर्ग, बनबगौद समेत नगरी व मगरलोड ब्लॉक के जंगलों में बड़ी संख्या में महुआ पेड़ हैं, लेकिन इस वर्ष गर्मी के शुरुआत में मौसम पर्याप्त नहीं खुला। गर्मी के दिनों में बारिश, ठंड व तेज हवा होने से महुआ, आम समेत कई फसल प्रभावित हुए।
जंगलों में लगे महुआ पेड़ों से महुआ संग्रहण करने वाले ग्रामवासी भुनू राम गोड़, विजेन्द्र कुमार धु्रव, मनबोधन राम गोंड़, टीकाराम धु्रव आदि का कहना है कि इस वर्ष क्षेत्र में महुआ का उत्पादन कम है। पेड़ों के नीचे बहुत कम मात्रा में महुआ गिर रहे हैं। पेड़ों पर भी कम फल लगे हैं।
इससे पर्याप्त मात्रा में महुआ संग्रहण नहीं हो पा रहा है। वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों महुआ संग्रहण में जुटे हैं। जंगलों से संग्रहित महुआ को ग्रामीण अपने घरों के आंगन व बाड़ियों में सुखा रहे हैं। कम मात्रा में महुआ इकट्ठा होने से ग्रामीण समर्थन मूल्य के बजाए सीधे बाजार में 2 हजार रुपए प्रति क्िवटल के हिसाब से बेच रहे हैं।
आम भी प्रभावित
क्षेत्र के गांवों व वनांचल क्षेत्रों में लगे आम के पेड़ों पर इस वर्ष अधिक बौर लगे हुए थे। ऐसे में लोग इस वर्ष आम की बेहतर उत्पादन होने की संभावना जाहिर कर रहे थे, लेकिन फरवरी माह में अचानक मौसम बिगड़ने से बारिश व हवा चली। बदली छाई रही, जिससे आम के पेड़ों पर लगे अधिकांश बौर झड़ गए। मौसम खुलने के साथ पेड़ों पर आम के फल लग गए है। कई पेड़ों से आम के छोटे फल अकारण नीचे गिर रहे हैं, जिससे आम फसल का उत्पादन भी कम होने की संभावना है।