धमतरी। रायगढ़ में हुई घटना के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ ने निंदा प्रस्ताव पास किया। एसपी प्रशांत ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर अधिवक्ताओं के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई बंद करने की मांग की।
ज्ञापन सौंपनें के बाद जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष सौरभ मिश्रा,सचिव भीखम सिन्हा एवं शत्रुघन साहू ने आरोप लगाया कि रायगढ़ ूमें प्रकरण के पैरवी के दौरान अधिवक्ता संघ रायगढ़ के सदस्य के साथ दुर्व्यवहार किया गया। इस घटना के विरोध में 11 फरवरी को एसडीएम रायगढ़ को जिला अधिवक्ता संघ रायगढ़ ज्ञापन सौंपने गया था।
वहां राजस्व कर्मचारियों ने द्वारा गालीगलौज, मारपीट करते हुए ज्ञापन को फाड़ दिया। अपने पद का दुरूपयोग करते हुए झूठी रिपोर्ट दर्ज कर अधिवक्ताओं को फंसाया गया है।
इसके विरोध में अधिवक्ता संघ धमतरी ने 14 फरवरी को सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम एसपी को ज्ञापन सौंपा। मांग की है कि वकीलों पर दमनात्मक कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाते हुए घटना की सूक्ष्म जांच कर दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
कार्रवाई नहीं होने पर पूरे प्रदेश के वकील सक्रिय होकर राजस्व तंत्र के द्वारा बनाए जा रहे अनावश्यक दबाव का पुरजोर विरोध करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष पार्वती वाधवानी, उपाध्यक्ष सौरभ मिश्रा, महिला उपाध्यक्ष प्रीति श्रीवास्तव, सचिव भीखम लाल सिन्हा, कोषाध्यक्ष नंद कुमार सिन्हा , शत्रुहन साहू, राकेश दीवान, समर भूषण गुप्ता एवं संघ के अन्य अधिवक्ता शामिल हैं।
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पटवारी संघ ने शासन मांगी सुरक्षा
रायगढ़ में तहसीलदार सहित अन्य कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना को राजस्व पटवारी संघ धमतरी ने निंदनीय कहा है। संघ ने सुरक्षा की मांग को लेकर 14 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मारपीट करने वालो पर कार्रवाई की मांग की है।
राजस्व पटवारी संघ के साथ ही कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के हड़ताल के समर्थन में पटवारी संघ भी हड़ताल पर है। छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ धमतरी के अध्यक्ष वीरेंद्र बैस ने बताया कि कुछ दिनों पहले रायगढ़ जिला के तहसीलदार, क्लर्क और भृत्य के साथ अधिवक्ताओं द्वारा मारपीट किया गया है। इस घटना की राजस्व पटवारी संघ घोर विरोध करता है।
शासकीय कार्यों के निर्वहन के दौरान व कर्मचारी से इस तरह का कृत्य बेहद गंभीर व चिंतनीय है। सुरक्षा प्रदान करने व इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सख्त कानून की आवश्यकता है। लोकतंत्र में कानून को हाथ में इस तरह की घटना को अंजाम देना सही नहीं है।
सार्वजनिक स्थान में इस तरह का कृत्य घोर निंदनीय है। हर कोई इस तरह से विरोध जताने लगे तो समाज में अराजकता फैलेगी। इस तरह की घटना की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। राजस्व पटवारी संघ संबंधित मांग को लेकर 14 फरवरी को कलेक्टर पीएस एल्मा को ज्ञापन सौंपा गया। कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के हड़ताल के समर्थन में राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ भी हड़ताल पर है।
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