
धमतरी। नक्सली 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान नक्सली वारदात कर और बैनर-पोस्टर टांगकर आम लोगों को अपनी उपस्थिति का एहसास कराकर दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसलिए पीएलजीए सप्ताह के चलते पुलिस वनांचल में मुस्तैद है। लगातार चौकसी बरती जा रही है।
वर्ष 2009 में नगरी- सिहावा क्षेत्र के रिसगांव के पास मांदागिरी में नक्सलियों ने सर्चिंग पर निकली कांकेर जिला पुलिस की सूमो को विस्फोट से उड़ाकर 12 जवानों और ड्राइवर की जान ले ली थी। तब से नक्सली छोटी वारदात कर या बैनर-पोस्टर टांगकर समय- समय पर अपनी उपस्थिति का एहसास कराते रहते हैं। नगरी- सिहावा के जंगल में कई बार नक्सली बैनर और पर्चे मिल चुके हैं। वर्तमान में नक्सलियों का पीएलजीए सप्ताह चल रहा है। जिसमें नक्सली वारदात की आशंका से इंकार करना मुश्किल है। इस दौरान नक्सली खासे सक्रिय रहते हैं। 25 नवंबर को नगरी-सिहावा क्षेत्र के सघन नक्सल प्रभावित क्षेत्र खल्लारी के पास आमझर के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में पुलिस ने 100 राउंड गोली चलाई। जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर नक्सली भाग गए। सर्चिंग में पुलिस को आधा किलो का टिफिन बम, बर्तन और नक्सलियों के दैनिक उपयोग की सामग्री मिली। इसके बाद से सीआरपीएफ और जिला फोर्स जंगल में लगातार नक्सलियों को खोज रहा है। जंगल के संभावित स्थानों पर पुलिस दबिश दे रही है। लेकिन नक्सली कहीं नहीं मिल रहे। मुठभेड़ में शामिल नक्सली सत्यम गावड़े, सेवक, अजीत, महिला नक्सली सीमा एवं संध्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।