धमतरी। प्रेम और सौहार्द का पर्व होली 29 मार्च को मनाया जाएगा। पर्व को लेकर होली बाजार में शनिवार को कुछ रौनक नजर आई। बाजार में तरह-तरह की रंग बिरंगी पिचकारी और रंग खरीदने लोग बाजार पहुंचे। बाजार में सबसे ज्यादा हर्बल ग़ुलाल की मांग है।
होली पर्व के चलते शहर के मार्केट में चहल-पहल बढ़ गई है। बाजार में होली की ख़रीदारी करने पालक बच्चों के साथ पहुंचे। आज रविवार को बाजार में भीड़ रहेगी। शहर के अलावा आसपास के गांव से लोग खरीदारी के लिए शहर पहुंचेंगे। होली सामानों के विक्रेता कामता साहू ने बताया कि ज्यादातर ग्राहक हर्बल ग़ुलाल की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता।
हानिकारक केमिकल वाले रंग गुलाल सस्ते भले ही मिलते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्वास्थ्य को देखते हुए अधिकांश ग्राहक हर्बल गुलाल खरीद कर ले जा रहे हैं। मार्केट में यह ग़ुलाल 50 रुपये से लेकर 300 रुपये तक में मिल रहा है। इसी तरह तरह-तरह की टोपियां, विग, अलग-अलग आकार की पिचकारियों का ढेर दुकानों में लगा हुआ है। स्पे्र कलर, चूड़ी रंग सहित अन्य रंगों की मांग बाजार में है।
पिछले साल की तुलना में इस बार 15 प्रतिशत तक की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आज शुभ मुहूर्त में होलिका दहन होगा। इसकी तैयारी में विभिन्ना समितियां और युवा जुटे हुए हैं।
शास्त्र अनुसार करें होलिका दहन
पंडित चिंतामणी त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन इस बात का प्रतीक है कि हम आज ही से अपनी बुराइयों को जलाकर अच्छाइयों का वर्णन करें। यह त्यौहार आदि काल से चला आ रहा है। होलिका की विधि सम्मत पूजा की जाती है। मालूम हो कि धमतरी शहर में 150 से भी अधिक स्थानों पर होलिका दहन होता है।
शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी होली
विप्र विद्वत परिषद धमतरी के अध्यक्ष पंडित होमन प्रसाद शास्त्री, पंडित राजकुमार तिवारी ने देव पंचाग एवं शास्त्रों की मान्यता के अनुसार बताया है कि होलिका दहन 28 मार्च फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को किया जाना शास्त्र सम्मत है। 29 मार्च को वसंतोत्सव रंगपर्व मनाया जाना है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम छह बजकर 13 मिनट से रात्रि नौ बजकर 14 मिनट तक शुभ तथा अमृत की चौघड़िया है।
अमृत सिद्धि योग भी है। उपरोक्त समय में होलिकादहन का शुभ योग होता है। रात्रि नौ बजकर 14 मिनट से रात्रि 10 बजकर 44 मिनट पर चल की चौघड़िया है। इस समय भी होलिका दहन किया जा सकता है। मध्यरात्रि 12 बजकर 27 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो रही है। होलिका दहन में ज्यादा से ज्यादा गोबर के बने कंडे का इस्तेमाल करें साथ ही होलिका दहन में कपूर भी डालें।