धमतरी। शराब के शौकीनों को लाकडाउन के बीच होम डिलीवरी के माध्यम से शराब बेचने सरकार ने आदेश जारी किया है। ऐप के माध्यम से आनलाइन आर्डर कराकर भुगतान भी ले लिया, लेकिन अधिक मात्रा में आर्डर होने की बात कहते हुए शराब की घर पहुंच सेवा नहीं दे पाए।
शराब आर्डर करने वाले शौकीनों को शराब लेने लेटलतीफी के बीच सरकारी शराब दुकान बुलाया गया, इसे लेकर उनमें सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि होम डिलीवरी के लिए 118 रुपये अतिरिक्त शुल्क बेवजह काटा गया है, जो शराब के शौकीनों के साथ विश्वासघात है।
कोरोना संक्रमण से बचाव व सुरक्षा के लिए लागू लाकडाउन में जिले की सभी सरकारी शराब दुकानें 12 अप्रैल से बंद है। करीब माहभर बाद नौ मई से शराब के शौकीनों को शासन ने होम डिलीवरी से शराब बेचने आदेश जारी किया। होम डिलीवरी के लिए कई शर्त भी रखी गई।
विभिन्न शर्तों के बाद भी जिलेभर से शराब के शौकीनों ने मोबाइल ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराकर देसी- विदेशी शराब के लिए जमकर आर्डर किया। शहर समेत ग्रामीण अंचलों के शराब के शौकीनों ने बताया कि शराब आर्डर के दूसरे दिन कुछ को होम डिलीवरी से शराब मिला, जबकि अधिकांश को मिला ही नहीं। नौ व 10 मई को शराब आर्डर करने वालों को 12 मई को उनके मोबाइल पर शराब दुकानों से मोबाइल आया और उनसे कहा गया कि आपके द्वारा शराब का आनलाइन आर्डर किया गया है।
शराब के लिए होम डिलीवरी के लिए अधिक आर्डर होने की वजह से घर पहुंच दे पाना संभव नहीं है। ऐसे में शराब के लिए संबंधित शराब दुकानों में आना होगा, इसे लेकर कई शराब के शौकीनों ने दुकान जाने से मना किया तो आर्डर निरस्त करने की बात सरकारी शराब दुकान के लोगों द्वारा कहा गया। वहीं बताया गया कि उनके द्वारा जमा की गई राशि को वापस करने में करीब सप्ताह भर से अधिक का समय लगेगा।
ऐसे में शराब के शौकीनों को मजबूरी में शराब लाने के लिए इस लाकडाउन के बीच शराब दुकान जाना पड़ रहा है। आर्डर करने के करीब दो से तीन दिन बाद उन्हें बुलाया जा रहा है, इसे लेकर उनमें काफी नाराजगी है। शराब के शौकीनों का कहना है कि राज्य सरकार ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है।
होम डिलीवरी के नाम पर शराब के लिए आर्डर करने वाले सभी शौकीनों से चाहे वह एक पौव्वा शराब खरीदे या 16 पौव्वा। उनसे 118 रुपये होम डिलीवरी शुल्क आनलाइन जमा करा लिया गया है। इसके बाद होम डिलीवरी की सेवा नहीं देना उनके साथ धोखा है।
होम डिलीवरी शुल्क वापस करें सरकार
सरकार को चाहिए कि होम डिलीवरी के लिए बेवजह 118 रुपये जमा की गई है, उस राशि को वापस दिया जाए। क्योंकि उनके द्वारा होम डिलीवरी की सुविधा शराब के शौकीनों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्हें शराब लाने के लिए बाइक व कार से अतिरिक्त शुल्क पेट्रोल खर्च कर जाना पड़ा है।
शराब लाने जब शराब के शौकीन जा रहे हैं, तो वहां अन्य लोगों की भीड़ है, जो शराब लेने के लिए आर्डर किए थे। जबकि भीड़ में लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा है। इसलिए ही सरकार ने सरकारी शराब दुकानों को बंद कराया था।