नईदुनिया प्रतिनिधि, धमतरी : आषाढ़ व सावन माह में हुई अच्छी बारिश के बाद पर्यटन क्षेत्र नरहराधाम के जलप्रपात क्षेत्र में पानी की तेज आवक बनी हुई है। यहां इन दिनों हर रोज सैलानी पहुंच रहे हैं, जो जान जोखिम में डालकर यहां के डेंजरजोन पर जाकर फोटोग्राफी, रील और सेल्फी ले रहे हैं।
यहां थोड़ी सी लापरवाही हुई, तो सीधे सैलानियों के जान जाने का खतरा बना हुआ है, इसे लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। कुछ जागरूक सैलानियों की मानें तो डेंजरजोन वाले जगहों पर रेलिंग या लोहे के जाली लगाने की जरूरत है। यह सुरक्षा लगने के बाद यदि सैलानी यहां धोखे से गिरते हैं, तो सीधे जाली व रेलिंग पर फंसकर अपनी जान बचा सकते हैं।
बता दें कि जिला मुख्यालय धमतरी से 35 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच पर्यटन क्षेत्र नरहराधाम जलप्रपात में 19 जुलाई को सुबह से शाम तक करीब 200 से अधिक सैलानी पहुंचे हुए थे। ज्यादातर सैलानी यहां पानी के बहाव व जलप्रपात वाले जगहों पर नहा रहे थे। इसमें महिला, पुरूष, युवक-युवती व बच्चे भी शामिल हैं।
सैलानी जलप्रपात से होकर गिरने वाले पानी के बीच जाते है। नीचे के डेंजर जोन क्षेत्र में कई सैलानी छोटे बच्चों को लेकर फोटोग्राफी, सेल्फी और रील बनाते हुए नजर आए। यहां के अधिकांश पत्थरों में फिसलन है। नहाते या चलते वक्त कब कौन गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। डेंजर जोन पर फिसलकर गिरते हैं, तो सीधे गहरे पानी में चला जाएगा, जहां से बचना मुश्किल है।
बता दें कि कलेक्टर निर्देश के बाद भी नरहराधाम जलप्रपात में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अनदेखी की जा रही है।
सुरक्षा के लिए रेलिंग व जाल जरूरी है। ऐसे में जागरूक सैलानी लगातार यहां सुरक्षा के उपाय की मांग शासन-प्रशासन से कर रहे हैं।
यहां पहुंचे सैलानियों का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर वास्तव में डेंजरजोन वाले जगह जहां पानी नीचे गिरता है, वहां पर यदि शासन-प्रशासन लोहे के मोटा जाल या रेलिंग लगा दें, तो गिरने वाले सैलानी पानी में नहीं जाएंगे और जान भी बच जाएगा। गिरे हुए लोगों को यहां से आसानी से निकाला जा सकता है।
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उल्लेखनीय है कि नरहराधाम जलप्रपात के डेंजरजोन वाले जगहों पर गिरने के बाद से कुछ लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। मृतकों में कई युवक शामिल हैं। पिछले दिनों नरहराधाम पहुंचे कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने नरहराधाम के विकास और सुरक्षा के लिए हर पहल की बातें जरूर कही, लेकिन अब तक सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए है।