रेडिएशन फैला रहे टावर
टॉवर से चौबीसों घंटे निकलने वाली इलेक्ट्रो मैगेनेटिक विकिरण स्वास्थ्य के लिए घातक है।
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Publish Date: Thu, 23 Jan 2014 11:27:33 AM (IST)
Updated Date: Thu, 23 Jan 2014 11:33:55 AM (IST)

धमतरी। शहरी क्षेत्र में जगह-जगह लगे टॉवर रेडिएशन फैला रहे हैं। टॉवर से चौबीसों घंटे निकलने वाली इलेक्ट्रो मैगेनेटिक विकिरण स्वास्थ्य के लिए घातक है। अधिकांश टॉवर रिहायशी क्षेत्र में ही लगे हैं। पहले से ही शहर में दो दर्जन से अधिक टॉवर हैं, वहीं वर्तमान में 8 और आवेदन टॉवर लगाने के लिए नगरपालिका को मिला है।
शहरीय क्षेत्र में जगह-जगह लगे टॉवरों का स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने लगा है। नियमतः इन टॉवरों को रिहायशी इलाकों की बजाय ऐसी जगह लगाना था, जहां घनी आबादी न हो। लेकिन प्रतिस्पर्धा में जल्दबाजी और पैसा बचाने के चक्कर में मोबाइल कंपनियों ने नियम-कानून ताक पर रखकर टॉवर स्थापित कर लिया है। वर्तमान में शहर के अंदर लगे विभिन्न कंपनियों के टॉवर घनी आबादी के बीच लगे हैं। जिन मोबाइल कंपनियों ने निर्धारित मापदंडों का पालन न करते हुए नगरपालिका क्षेत्र में टॉवर खड़ा कर लिया था, ऐसे 7 टॉवरों को चिन्हांकित कर नगरपालिका ने बीते साल हटाया।
आज की स्थिति में नगरपालिका क्षेत्र में 29 टॉवर लगे हैं।
नपा से अनुमति जरूरी़
नगरपालिका के राजस्व प्रभारी एचएस घाटे ने बताया कि मोबाइल टॉवर लगाने से पहले नगरपालिका से विधिवत अनुमति लेना जरूरी है। इसके लिए मोबाइल कंपनियों से नपा सलाना निर्धारित शुल्क वसूल करती है। टॉवर बनाने से पहले संबंधित कंपनी को नपा में टॉवर के स्ट्रक्चर का डिजाइन जमा करना पड़ता है। टॉवर लगाने वाला मकान या इमारत टॉवर का वजन सह सकेगा या नहीं, यह किसी मान्यता प्राप्त इंजीनियर से प्रमाणित करवाना पड़ता है।
भवन मालिक की सहमति पत्र भी जरूरी है। वर्तमान में एक भी अवैध टॉवर नहीं है। इस साल अब तक 8 आवेदन रिहायशी टॉवर लगाने के लिए नगरपालिका को आवेदन मिले हैं।
विकिरण बिगाड़ रही सेहत़
टिॉवरों से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विकिरण से लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। ५०० मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों पर इसका दुष्प्रभाव दिखने लगा है। लगातार रेडिएशन के संपर्क में रहने की वजह से कई लोगों की सेहत खराब होने लगी हैं।