धमतरी। छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी चित्रोत्पला महानदी का उद्गम धमतरी जिले के सिहावा में श्रृंगी ऋषि पर्वत के एक कुंड से होता है। यह कुंड कभी नहीं सूखता। गर्मी में इसका पानी जरूर कम हो जाता है।
इस समय भीषण गर्मी के बावजूद कुंड में लबालब पानी है, हालांकि पहाड़ के नीचे गणेश घाट में महानदी में नाममात्र पानी दिखाई दे रहा है।
श्रृंगी ऋषि पर्वत के नीचे महानदी में गणेश घाट है। यहां से होकर महानदी आगे बढ़ती है। यहां नदी में नाममात्र का पानी नजर आ रहा है। श्रृंगी पर्वत के मंदिर के पुजारी बीडी वैष्णव ने बताया कि महानदी के उद्गम स्थल का कुंड कभी नहीं सूखता। भीषण गर्मी में कुंड का पानी जरूर कम हो जाता है, पर सूखता नहीं।
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गणेश घाट में नाममात्र का पानी
ग्राम सिहावा के विनोद पटेल और तरूण निषाद ने बताया कि वर्तमान में सिहावा पहाड़ के नीचे गणेश घाट में नाममात्र का पानी है। जब कभी भी गर्मी के मौसम में सोंढूर नदी से पानी छोड़ा जाता है तो गणेश घाट के पास महानदी में पानी नजर आता है। बरसात के मौमस में तो इस स्थान पर बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है।
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महानदी की सहायक नदियां
सोंढूर, पैरी, सीतानदी, बालका नदी, सिलियारी, शिवनाथ, हसदो, बोराई, मांड, केलो, ईब, दूध नदी, सूखा नदी, जोंक इत्यादि।
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महानदी एक परिचय
धमतरी जिले से निकलकर महानदी छत्तीसगढ़ में 286 किलोमीटर की यात्रा तय करती है। कांकेर, गरियाबंद, बालोद, रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, जांजगीर चांपा और रायगढ़ जिले से होकर महानदी ओडिशा में प्रवेश करती है। धमतरी जिले में छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध गंगरेल बांध महानदी पर बना है। एशिया का प्रथम साइफन सिस्टम वाला बांध मुरूमसिल्ली बांध महानदी की सहायक नदी सिलियारी नदी पर बना है। महानदी की सहायक नदी सोंढूर पर सोंढूर बांध है। कांकेर जिला में स्थित दुधावा बांध महानदी में बना है।ओडिशा में प्रसिद्ध हीराकुंड बांध महानदी पर ही है।
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बांधों से पानी छूटने पर महानदी में दिखता है पानी
गर्मी के मौसम में हर साल महानदी अनेक स्थानों पर सूख जाती है। कुछ गहरे स्थानों पर ही महानदी में यदा-कदा पानी नजर आता है। वर्तमान में गंगरेल बांध में 26.315 टीएमसी जलभराव है। यहां 78.44 फीसद पानी है। मुरूमसिल्ली बांध में 0.686 टीएमसी जलभराव है। यहां 10 फीसद पानी है।
दुधावा बांध में 1.908 टीएमसी जलभराव है। यहां 49.51 फीसद पानी है। सोंढूर बांध में 3.161 टीएमसी जलभराव है यानि 39.47 फीसद पानी है।वर्तमान में निस्तारी के लिए किसी भी नदी में पानी नहीं छोड़ा गया है। इसलिए महानदी सूखी नजर आ रही है। महानदी मुख्य नहर, भिलाई नहर में निस्तारी पानी छोड़ा गया है।