धमतरी। पीयूष सागर मसा, शिशु प्रज्ञा,लयस्मिता मसा ने 12 दिसंबर को इतवारी बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ जिनालय में आयोजित धर्म सभा में जैन समाज के लोगों को मार्गदर्शन दिया।
शिशु प्रज्ञा मसा ने कहा कि शादियों में विभिन्न कार्यक्रमों में अपने कर्मों का बंधन करते है। वहीं हम आचार्य भगवंत की निश्रा में प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन कर रहे है। अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के द्वारा हम प्रभु भक्ति से जुड़कर अपने कर्मों को कर रहे हैं।
हम अपने जीवन से अंधकार दूर कर दर्शन, ज्ञान, चरित्र को प्राप्त करते हैं। मुनि भगवंत श्री सम्यक रत्न सागर मसा ने कहा कि एक सेठ पोपटलाल जी अपने रिश्तेदार के शादी में शामिल होने के लिए जाने की तैयारी में खड़े है। किंतु साधन नहीं मिला। एक भिक्षुक उनके पास पहुंचता है। सेठ जेब से नोट निकालते है। उनके जेब से 100 का नोट निकला, जिसे उन्होंने भिक्षुक को दिया।
सेठ ने भिक्षुक से पूछा उस नोट का क्या उपयोग करेगा। भिक्षुक ने कहा मैं इससे लाटरी का टिकट खरीदूंगा। लाटरी निकलने पर गाड़ी खरीदूंगा। उस गाड़ी में भीख मांगूगा। दूसरे भिक्षुक ने भी यह बात दोहराई। लाटरी लगने पर झोपड़ी पर ही रहूंगा।
उन्होंने आगे कहा कि अपात्र प्राप्ति का लाभ नहीं उठा पाता है, लेकिन अवसर का लाभ उठाने वाले श्री गौतम को अवसर मिला तो उन्होंने उस अवसर पर लाभ उठाकर अपने भव का उद्धार किया।
उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर की सुबह 8.30 बजे शिशु प्रज्ञा मसा एवं लयस्मिता मसा धमतरी नगर प्रवेश हुआ। नगर प्रवेश पर संघ ने अगुवाई की। इस दौरान प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के संयोजक अजय बरडिय़ा सहित समाजजन उपस्थित थे।