दुर्ग। नईदुनिया प्रतिनिधि
ट्रेनों की कोच की सफाई करने अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। रेलवे करीब दो करोड़ की लागत से वॉयशेप ब्रिज के पास आटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाएगा। प्लांट लगने से ट्रेनों समय व पानी की बचत होगी। इस मशीन से एक कोच की सफाई करने में सिर्फ पांच मिनट लगेंगे। वर्तमान में 15 मिनट लगते हैं।
आटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाने रेलवे के अफसर सर्वे कर चुके हैं। जल्द ही प्लांट लगाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। विभागीय अधिकारी ने बताया कि छह माह के अंदर प्लांट लगकर तैयार हो जाएगा। प्लांट स्थापित करने में करीब दो करोड़ 33 लाख रुपये की लागत आएगी।
0 दुर्ग से निकलती है 17 ट्रेनें
दुर्ग रेलवे स्टेशन से अन्य राज्यों के लिए 13 प्रायमरी व चार सेकेण्डरी ट्रेनें रवाना होती है। वापस लौटने के बाद वाशिंग लाइन में ट्रेनों के अंदर व बाहर की सफाई की जाती है। इसके बाद इसे प्लेटफार्म पर लाकर अन्य शहरों के लिए रवाना किया जाता है। वर्तमान में ट्रेनों की धुलाई पुराने स्तर पर ही हो रही है। कर्मचारी पाइप से ट्रेनों की सफाई करते हैं। जिसके चलते सफाई में काफी समय लगता है। विभागीय अफसरों ने बताया कि प्लांट लगने के बाद ट्रेन की बाहरी धुलाई ट्रेन के ट्रेक पर आते ही धीरे-धीरे शुरू हो जाएगी। इससे पानी व समय की काफी बचत होगी।
दोनों ओर लगेंगे फोव्वारे
पटरी के दोनों ओर फोव्वारे लगेंगे, जो ट्रेन की बाहरी धुलाई तुरंत कर देंगे। दोनों तरफ चार-चार ब्रश होंगे। इस प्लांट में पहले सिर्फ पानी से धुलाई होगी। उसके बाद वाशिंग पावडर या लिक्विड और तीसरी बार सूखी धुलाई होगी। प्लांट लगने के बाद दुर्ग से छूटने वाली दुर्ग-पुरी एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति, जम्मूतवी एक्सप्रेस, अमकंटक एक्सप्रेस, दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस व अन्य ट्रेनों की धुलाई करना आसान हो जाएगा।