दुर्ग। दुर्ग के रामचंद्र देवांगन द्वारा रचित गीत को दुर्ग विवि के कुलगीत के लिए चयनित किया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा चयनित कुलगीत को संगीतबद्ध करने का प्रयास किया जाएगा। स्थापना के पांच साल बाद विवि को अपना कुलगीत मिल पाया है।
हेमचंद यादव विवि दुर्ग द्वारा विवि के कुलगीत हेतु चयन समिति द्वारा चंडी मंदिर दुर्ग निवासी व भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त रामचंद्र देवांगन द्वारा रचित गीत का चयन किया गया है। यह जानकारी देते हुए विवि के कुलसचिव डा.सीएल देवांगन ने बताया कि दुर्ग विवि की स्थापना के पांच वर्षों बाद भी विवि का अपना कुलगीत नहीं था जिसे विवि के स्थापना दिवस दीक्षांत समारोह तथा महाविद्यालयों के बड़े-बड़े आयोजनों में गाया जा सके।
इसे संज्ञान में लेते हुए विवि की कुलपति डा. अरुणा पल्टा ने कुलगीत के लिए खुली आनलाइन स्पर्धा आयोजित करने कहा। कुलसचिव ने बताया कि विवि द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि तक कुल 30 उत्कृष्ट प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी। इनमें प्राचार्य, प्राध्यापक, रचनाकार, छात्र-छात्राएं, कवि, समाजसेवी आदि सभी वर्गों के प्रतिभागी शामिल थे।
प्राप्त प्रविष्टियों के मूल्यांकन एवं श्रेष्ठ कुलगीत चयन हेतु कुलपति डा.अरूणा पल्टा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय चयन समिति गठित की गई थी।
इस समिति में सदस्य के रूप में कुलसचिव डा.सीएल देवांगन ,कार्य परिषद के सदस्य एवं साइंस कालेज दुर्ग के प्राचार्य डा.आरएन सिंह, साहित्यकार मुकुंद कौशल, अंचल के गायक प्रभंजय चतुर्वेदी, कन्या महाविद्यालय दुर्ग के संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डा.मिलिंद अमृतफले शामिल थे।
चयन समिति ने घंटों बैठकर प्रत्येक प्रविष्टी की गुणवत्ता की जांच की तथा प्रारंभिक चरण में 30 में से पांच प्रविष्टियों का चयन किया। इसके बाद द्वितीय चरण में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन सर्वसम्मति से किया गया। यह प्रविष्टि भारतीय वाय ुसेना से सेवानिवृत्त एवं चंडी मंदिर के पास दुर्ग निवासी रामचंद्र देवांगन की थी।
चयनित गीत की यह है खासियत
इस प्रविष्टि में हेमचंद यादव विवि दुर्ग को ज्ञान का दीप जलाकर ज्ञान का केंद्र बनाने एकता-अखण्डता, तप त्याग, संयम अंकित का पाठ पढ़ाने, श्रद्धा, करुणा प्रेम का संस्थान बनाने का आह्वान किया गया है। इसके अलावा विवि को विकास केंद्र,शोध केंद्र, धार्मिक सद्भाव, भाईचारा, संस्कार का केंद्र बनाने संबंधी बातों का भी समावश है।
दुर्ग विवि के अंतर्गत आने वाले पांच जिला दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम तथा राजनांदगांव में विवि के विद्यार्थियों को शिक्षित कर सुख समृद्धि फैलाने का संदेश भी इस कुलगीत में उल्लेखित है।
विवि की कुलपति डा.अरुणा पल्टा ने कहा है कि अब इस चयनित कुलगीत को संगीतबद्ध करने का प्रयास किया जायेगा। इसके लिए अंचल के गायकों एवं संगीतकारों की मदद ली जाएगी।
डा पल्टा ने बताया कि चयनित कुलगीत के रचयिता रामचंद्र देवांगन को दुर्ग विवि के स्थापना दिवस समारोह में 11 हजार रुपये की राशि तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
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