दुर्ग। रसमढ़ा सोसायटी के धान खरीदी पोर्टल से खपरी और सिलोदा गांव के सैकड़ों किसानो के एक हजार से ज्यादा रकबा गायब है। पोर्टल में किसी किसान का रकबा शून्य और किसी किसान का रकबा कम बता रहा है।
इस आशय की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित किसान समर्थन मूल्य पर धान बेच पाएंगें अथवा नहीं इसे लेकर परेशान है। इस मामले को लेकर प्रभावित किसानों ने तहसीलादर से मुलाकात कर रकबा में पुनः संशोधन किए जाने की मांग की है।
रकबे की समस्या को लेकर दोनों गांव के प्रभावित किसानों की बैठक खपरी में हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के राजकुमार गुप्त और प्रमोद पंवार उपस्थित थे। बाद में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में दोनों गांव के प्रभावित किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने तहसीलदार प्रकाश सोनी और अतिरिक्त तहसीलदार प्रेरणा सिंह से भेंट किया।
दोनों अधिकारियों ने बताया कि भूइंया पोर्टल की त्रुटियों में सुधार किया जा रहा है जिसके आधार पर धान खरीदी पोर्टल में संशोधन शासन द्वारा किया जाएगा। किसानों के इस सवाल पर कि दावा आपत्ति के लिए गुरुवार को अंतिम दिन है ऐसे में पोर्टल में नाम और रकबा जुड़ने में संशय की स्थिति है।
इस पर तहसीलदार ने किसानों को आश्वस्त किया कि धान खरीदी पोर्टल में नाम या रकबा जोड़ने का अधिकार शासन को है और इसके लिए समय सीमा का बंधन नहीं है।
किसान इस बात के लिए चिंतित हैं कि सोसायटी में कल से टोकन और बोरों का वितरण शुरू हो रहा है ऐसे में यदि धान खरीदी पोर्टल में वंचित किसानों का रकबा जल्दी नहीं सुधारा गया तब उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बैठक में युवराज सिंह, खेलन सिंह, पिंटू सिंह, नंदकुमार, मनोहर, बहुरसिंह, थानूराम, शिवलाल, कल्याण, चोवाराम सहित अन्य प्रभावित किसान भी शामिल हुए।